गंगा के घाटों के रखरखाव की व्यवस्था नगर निकायों को सौंपने के साथ सौंदर्यीकरण पर दिया जोर




नवीन चौहान
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के निर्देशों के अनुसार गंगा के घाटों के रख-रखाव व व्यवस्था स्थानीय नगर निगमों, नगर पालिका व ग्रामीण क्षेत्रों में जिला पंचायत, ग्राम पंचायतों द्वारा किया जाए। योजना पर काम करने के लिए जिलाधिकारी सी रविशंकर ने प्रक्रिया शुरू कराने को जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक लेकर विचार विमर्श किया।
जिलाधिकारी सी रविशंकर की अध्यक्षता में जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक का आयोजन कैंप कार्यालय रोशनाबाद में किया गया। कार्यक्रम निदेशक राज्य परियोजना प्रबंधन ग्रुप, नमामि गंगे द्वारा जिलाधिकारी एवं अध्यक्ष जिला गंगा संरक्षण समिति हरिद्वार को निर्देशित किया गया था कि स्थानीय निकाय, पंचायती राज अथवा इच्छुक गैर सरकारी संस्थाओं द्वारा घाटों के रखरखाव की व्यवस्था सुनिश्चित किए जाने के प्रस्ताव पर स्थानीय स्तर पर आम सहमति बनाएं।
इस संबंध में बैठक में तैयार प्रस्ताव पर विचार विमर्श किया गया। बैठक में अध्यक्ष जिला गंगा संरक्षण समिति जिलाधिकारी हरिद्वार के अधीन गंगा घाटों के प्रबंधन कार्य के लिए एक अनुश्रवण समिति का भी गठन किया गया। उक्त समिति के अध्यक्ष नगर आयुक्त सहित सिंचाई विभाग उत्तराखंड, सिंचाई विभाग उत्तर प्रदेश, उपजिलाधिकारी हरिद्वार मुख्य कोषाधिकारी, जिला गंगा सरंक्षण समिति, पुलिस विभाग द्वारा नामित प्रतिनिधि सदस्य होंगे।
गंगा घाटों पर सफाई, सौंदर्यीकरण व सुरक्षा व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कोई संस्था अथवा व्यक्ति गंगा घाटों के रखरखाव के कार्यों के लिए आवेदन कर सकेगा। उक्त प्रबंधन समिति के रख-रखाव व नियमानुसार कार्य किए जाने संबंधी कार्याें का अनुश्रवण समिति द्वारा किया जाएगा।
रख-रखाव के लिए दो पालियों में बहुद्देशीय कर्मचारी की तैनाती, संपर्क के साधन, घाटों का सौंदर्यीकरण, पेंटिंग, मरम्मत, कूडे़दान, कपड़ा एवं पुष्प् कलश, सूचना पट्ट, चंजिंग रूम अस्थाई विश्राम स्थल आदि के प्रस्ताव पर विचार विमर्श हुआ। शीघ्र ही जनपद में घाटों के रख-रखाव व प्रबंधन कार्य इच्छुक व्यक्ति अथवा संस्था के माध्यम से संचालित कराए जाने की योजना है।



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