एक्सक्लूसिव: हरिद्वार के बहुचर्चित विवाद का हुआ पटाक्षेप, पढ़िए क्या था मामला और कैसे निपटा




नवीन चौहान
हरिद्वार के बहुचर्चित विवाद का पटाक्षेप हो गया है। दोनों पक्षों ने अब मामले में किसी प्रकार का विवाद न होने की बात कहते हुए विवाद को समाप्त कर दिया है। दोनों पक्षों ने ज्वालापुर कोतवाली में लिखित में देकर मामला समाप्त करने को आग्रह किया है। अब दोनों पक्ष एक मंच पर काम करेंगे।
मामला श्री प्रेमनगर आश्रम के अनुयायियों और पूर्व मेयर मनोज गर्ग के बीच का है। न्यू हरिद्वार में हुए जलभराव की निकासी को लेकर मामले ने तूल दे दिया था। प्रेमनगर आश्रम की दीवार हटाने को लेकर श्री प्रेमनगर आश्रम के अनुयायी और पूर्व मेयर मनोज गर्ग के साथ भाजपा नेताओं के बीच विवाद हो गया। मामला पिछले तीन साल तक चला। मामले होने के बाद दोनों पक्षों के बीच वॉक युद्ध शुरू हो गया। प्रेमनगर आश्रम के अनुयायियों ने भाजपा नेताओं के प्रवेश पर रोक लगा दी। लेकिन कुछ दिनों बाद सामान्य स्थि​ति हो गई। अब मामले के आपसी समझौते के तहत सुलह हो गई है। दोनों पक्षों के बीच कोई विवाद जैसी स्थिति नहीं रह गई है।
आश्रम का बयान
प्रेमनगर आश्रम के प्रबंधक पवन कुमार ने बताया कि मामले में गिला शिकवा दूर करते हुए मुकदमा वापस लेने के लिए लिखित में दे दिया है।
भ्रांतियां हो गई दूर, अब एक साथ: मनोज गर्ग
पूर्व मेयर मनोज गर्ग ने बताया कि तीन साल पहले जलभराव होने के चलते हुए कुछ भ्रामक स्थिति पैदा हो गई थी। मामला दो परिवारों के बीच हुआ और अब मिल बैठकर भ्रांतियां दूर हो गई हैं। बताया कि जो हमने मुकदमा दर्ज कराया था वे वापस ले लिया है। जैसे पहले मेल मिलाप और आवागमन था वो पूर्व की भांति शुरू हो गया है।

यह था पूरा मामला
10 अगस्त— 2017 को भारी बारिश हुई थी। इससे भगत ​चौक, विवेक विहार, मॉडल कालोनी, गोविंदपुरी, न्यू हरिद्वार आदि में घरों में जलभराव हो गया। जलभराव की निकासी के लिए नगर निगम की ओर से जेसीबी लगाई तो प्रेमनगर गंगनहर पुल से पहले पानी की निकासी में आश्रम की दीवार बाधा बन रही थी। जिसके चलते हुए नगर निगम ने कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के प्रेमनगर आश्रम की दीवार तो तोड़ गिराया। इस पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज के समर्थकों ने नगर निगम के कर्मचारियों के साथ वहां पर मौजूद नेताओं के साथ मारपीट शुरू कर दी। इस दौरान तत्कालीन मेयर मनोज गर्ग की पिटाई की सूचना शहर में फैल गई। इस पर भाजपा के नेता और उनके समर्थक भी पहुंच गए। दोनेां पक्ष आमने—सामने आ गए थे। आश्रम के पास भारी पुलिस बल पहुंचा और मामले को रफा कराया। बाद में दोनों पक्षों ने ज्वालापुर कोतवाली में एक दूसरे के खिलाफ मारपीट करने आदि के आरोप लगाते हुए तहरीर दी। जिसमें पुलिस ने मुकदमा दर्ज करते हुए जांच शुरू कर दी थी।



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