पहले कोरोना, फिर कोरोना का नया स्ट्रेन, अब बर्ड फ्लू का संक्रमण बना खतरा





जोगेंद्र मावी
पिछले साल-2020 में कोरोना ने खूब परेशान किया। लोगों की जान चली गईं। अब विदेशों से आए लोगों में कोरोना का नया स्ट्रेन आने से दहशत मची हुई थी कि अब अब बर्ड फ्लू के आने से लोगों में दहशत मची हुई है। लोगों को दहशत है कि जैसे कोरोना का वायरस जानवरों से लोगों में आ गया था इसी प्रकार कही बर्ड फ्लू का संक्रमण लोगों में न आ जाए। हालांकि स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञ प्राथमिक लक्षण वाले लोगों की जांच कर रहे हैं।
पिछले साल-2020 में कोरोना ने खूब परेशान किया था। देश में कोरोना से 1.51 लाख लोगों की मौत हो चुकी है। अभी भी लगातार कोरोना फैल रहा है। हालांकि कोरोना की वैक्सीन बन चुकी है और टीकाकरण शुरू हो चुका है। लेकिन इसी दौरान कोरोना का दूसरा रूप सामने आ गया है। कोरोना का नया स्ट्रेन ब्रिटेन से आया है। ब्रिटेन में तो लाॅकडाउन तक लगाना पड़ गया है। लेकिन अब बर्ड फ्लू का संक्रमण फैलने से लोगों में दहशत मची हुई है। पक्षियों में तो भयंकर रूप से फैल चुका है। उत्तराखंड के देहरादून में मामले सामने आ चुके हैं। हरिद्वार में अभी बर्ड फ्लू का संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है। लेकिन सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि कोरोना और बर्ड फ्लू के अधिकांश लक्षण एक समान ही है। वैज्ञानिक चिंता जता चुके हैं कि बर्ड फ्लू का संक्रमण मनुष्य को भी संक्रमित कर सकता है या फैल सकता है। ऐसे में लोगों को बड़ी सावधानी बरतनी होगी।
बर्ड फ्लू संक्रमण के लक्षण
जिला अस्पताल हरिद्वार के फिजिशियन डाॅ संदीप टंडन का कहना है कि कुछ तरह (स्ट्रेन) के इन्फ्लुएंजा वायरस, जो मुख्य रूप से पक्षियों को संक्रमित करते हैं, लेकिन ये मनुष्यों को भी संक्रमित कर सकते हैं। इस तरह का फ्लू अक्सर ही बीमार पक्षियों के संपर्क में आने से होता है। यह व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में भी फैल सकता है।
लक्षण दो से आठ दिनों में आरंभ हो जाते हैं और सामान्य फ्लू की तरह लग सकते हैं। खांसी, बुखार, गला खराब होना, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और सांस फूलने की शिकायत हो सकती है। इस रोग के कारण बड़ी तादाद में लोगों की मृत्यु हो सकती है। अगर लक्षण दिखने के 2 दिन के अंदर कुछ खास वायरस-रोधी (एंटीवायरल) दवाएं ले ली जाएं, तो लाभ हो सकता है।
यह बरते सावधानी
कोरोना संक्रमण से बचाव की तरह बर्ड फ्लू में भी मास्क लगाएं, हाथ और मुंह धोते रहें और खाने-पीने में कच्चे खाद्य पदार्थों की जगह उबाला हुआ खाएं। फिजिशियन डाॅ संदीप टंडन का कहना है कि अगर खाद्य पदार्थ अच्छे से पक सकता है तो बर्ड फ्लू से बचाव की संभावना बनी रहती है।



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