नवीन चौहान
उत्तराखंड की धामी सरकार के केबिनेट विस्तार करने को ग्रीन सिग्नल मिल गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिल्ली दौरे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात बहुत महत्वपूर्ण रही है। जहां राज्य के लिए कई योजनाओं को मंजूरी मिलने पर सहमति बनी तो केबिनेट विस्तार पर भी बातचीत हुई है। इसी के साथ प्रदेश में तीन विधायकों के केबिनेट मंत्री बनने का रास्ता खुल गया है।
पुष्कर सिंह धामी की पार्ट—2 सरकार में तीन मंत्रीपद खाली है। मंत्री की कुर्सी पर काबिज होने के लिए कई विधायकों की इच्छा है। लेकिन भाजपा सरकार में मंत्री बनने के लिए दिल्ली से ग्रीन सिग्नल मिलने का इंतजार रहता है। जब तब दिल्ली दरबार से हरी झंडी नही मिलेगी तब तक केबिनेट में विस्तार नही हो सकता। ऐसा ही पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में हुआ। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को दिल्ली ने कभी हरी झंडी नही दिखाई। उन्होंने कई बार अमित शाह से मंत्री बनाने को लेकर चर्चा की। हाईकमान हर बार उनकी बात को लटकाता रहा। जिसका परिणाम यह रहा कि त्रिवेंद्र सरकार चार सालों तक तीन मंत्री पद का विस्तार नही कर पाई। विधायकों के आक्रोष का सामना त्रिवेंद्र सिंह रावत को झेलना पड़ा। उत्तराखंड के विधायकों में त्रिवेंद्र सिंह रावत के प्रति रोष बढ़ गया। जबकि भाजपा हाईकमान ने ही केबिनेट का विस्तार नही होने दिया। भाजपा हाईकमान ऐसी गलती को दोहराने की भूल नही करना चाहिए। पार्टी में विद्रोह को रोकने और विधायकों की नाराजगी को थामने के मंत्री पद पर ताजपोशी करने में जल्दी की जायेगी।
युवा मख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी विधायकों के मन की बात को समझते हुए दिल्ली से हरी झंडी लेने गए है। जहां विधायकों के नामों पर भी चर्चा हुई है। मंत्री पद पर अनुभवी विधायकों को लेने की सरकार की मंशा है। सूत्रों के मुताबिक मदन कौशिक, मुन्ना सिंह चौहान, किशोर उपाध्याय के अलावा कई नामों पर विचार हुआ है।
आगामी लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत मंत्री पद भरा जाना बहुत महत्वपूर्ण है। फिलहाल हरिद्वार जनपद से कोई मंत्री नही है। जबकि तीन बार से रानीपुर विधायक आदेश चौहान मंत्री पद के हकदार है। जिससे हरिद्वार को मजबूती मिलेगी। अगर मदन कौशिक राष्ट्रीय संगठन में गए तो आदेश चौहान का मंत्री बनना तय है। फिलहाल जल्दी की इस पूरे राजनैतिक घटनाक्रम से परदा उठ जायेगा।