नवीन चौहान, हरिद्वार। हरिद्वार जेल में बंदी रहने के दौरान कुख्यात बदमाश सुनील राठी के पास दो सिम थे। इन दोनों सिम नंबरों का उपयोग राठी कारोबारियों को रंगदारी देने के लिये धमकाने में करता था। इन सिम से वह व्हाट्स अप चलाता था। व्हाट्स अप पर हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में ही मैसेज करता था। पुलिस इन मोबाइल नंबरों की पड़ताल कर रही है। ये सिम किस व्यक्ति के नाम से लिये गये थे। तथा हरिद्वार जेल में बंद राठी तक सिम और मोबाइल किसने भिजवाये। पुलिस इस केस की तह में जाने के लिये बड़ी गहनता से पड़ताल कर रही है।
जेल से कुख्यात बदमाश सुनील राठी के फोन पर आने वाली धमकी हरिद्वार के कारोबारियों के दिलों में दहशत पैदा कर रही थी। राठी की धमकियों से हरिद्वार के कारोबारी आजिज आ चुके थे। लेकिन हत्या होने के खौफ के चलते किसी कारोबारी ने पुलिस से मदद नहीं ली। पुलिस तक किसी पीड़ित ने कोई सूचना नहीं पहुंचाई। जब कारोबारियों का आपसी लेनदेन का विवाद हरिद्वार और कनखल पुलिस थाने पर आया तो सुनील राठी का नाम एकाएक सुर्खियों में आ गया। जब पुलिस ने प्रॉपर्टी कारोबारी प्रद्युम्न अग्रवाल पर दर्ज मुकदमों की पड़ताल की तो सुनील राठी के खौफ की परते एक के बाद एक खुलनी शुरू हो गई। प्रद्युम्न अग्रवाल ने अपने बचाव में पुलिस को जो साक्ष्य उपलब्ध कराये उसमें सुनील राठी के दो मोबाइल नंबर होने और जेल से मोबाइल चलाने व हिंदी और अंग्रेजी के मैसेज करने जैसी तमाम बाते निकलकर सामने आ गई। पुलिस ने इन सबूतों की पड़ताल शुरू कर दी। जब पुलिस ने सुनील राठी का नेटवर्क ध्वस्त करने के लिये गहनता से पड़ताल की तो कनखल के एक प्रॉपर्टी कारोबारी आशीष शर्मा उर्फ टुल्ली के राठी से संपर्क होने की बात तस्दीक हुई। टुल्ली राठी का राजदार बना हुआ था। पुलिस ने टुल्ली को गिरफ्तार किया तो उसने भी कई राज से परदा उठाया। पुलिस ने टुल्ली से उसके कारोबार की पहली सीढ़ी से लेकर चरमकाल तक की पूरी गाथा सुनी। इस प्रॉपर्टी के धंधे में बेताज बादशाह बनने के लिये उसने नेता, पत्रकार और पुलिस सभी का सहयोग लिया। टुल्ली प्रॉपर्टी के कारोबार की चकाचौंध में इस कदर अंधा हो गया कि इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि उसने एक महंत सुधीर गिरी की हत्या तक का ताना बना बुन डाला। महंत की हत्या कराई तो इस केस को प्रभावित करने के लिये टुल्ली ने अपने रसूक का पूरा प्रयोग किया। महंत सुधीर गिरी हत्याकांड के मास्टर माइंड टुल्ली की गिरफ्तारी हुई। जेल में बंद सुनील राठी से दोस्ती हुई। यहीं से टुल्ली और सुनील राठी की दोस्ती के बाद कारोबारियों को धमकाने का खेल शुरू हुआ। एसएसपी कृष्ण कुमार वीके ने बताया कि राठी के पास दो सिम नंबरों की पड़ताल कराई जा रही है। टुल्ली और राठी के अलावा कई अन्य लोगों के मोबाइल नंबरों को तस्दीक कराया जा रहा है। हरिद्वार में किसी भी बदमाश का नेटवर्क चलने नहीं दिया जायेगा।