मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ हड़ताल कर भड़के हरिद्वार भेल के कर्मचारी




नवीन चौहान
केन्द्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ केंद्रीय ट्रेड यूनियन व स्वतंत्र फेडरेशनों के आह्वान पर पूरे देश मे की जा रही एक दिवसीय आम हडताल को भेल, हरिद्वार में कार्यरत 10 यूनियनो इंटक (हीप व सीएफएफपी), एटक (हीप व सीएफएफपी), एचएमएस (हीप व सीएफएफपी), सीटू, बीएमटीयू, बीकेयूएम, बीकेकेएमएस द्वारा संयुक्त रुप से अपना पूर्ण समर्थन प्रदान किया गया। हड़ताल करते हुए उन्होंने फाउण्ड्री गेट पर प्रदर्शन किया गया। यूनियनों के पदाधिकारियों ने भेल प्रबन्धन एवं केन्द्र सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करके अपना विरोध जताया। हड़ताल में इंटक (हीप) के महामंत्री राजबीर सिंह, एचएमएस (हीप) के उपाध्यक्ष प्रेमचंद सिमरा, एटक (हीप) के महामंत्री सन्दीप चौधरी, एटक के केन्द्रीय नेता एवं सीएफएफपी के अध्यक्ष एके दास, बीएमटीयू के महामंत्री अवधेश कुमार, सीटू के महामंत्री के एस गुसाई, बीयूकेएम के अध्यक्ष रितेश सिंहल, इंटक (सीएफएफपी) के महामंत्री केपी सिंह,
एटक, (सीएफएफपी) के अध्यक्ष आईडी पंत, एटक (हीप) के अध्यक्ष मनमोहन कुमार, एचएमएस के राधेश्याम सिंह, सीटू के सुरेन्द्र कुमार, बीएमटीयू के अध्यक्ष नीशू कुमार, रविप्रताप राय, सचिन चौहान, अश्वनी चौहान, नईम खान, इमतियाज, सुनील कुमार, अजित सिंह, दीपक कुमार, सुनिल कुमार, पवन कुमार, आदि उपस्थित रहे।
हडताल मे मुख्य मांगे निम्नलिखित
भेल प्रबन्धन से मांग —
— श्रमिको के वेतन मे से 50 प्रतिशत पर्क्स कटौती को शीघ्र बन्द किया जाये तथा एरियर सहित 100 प्रतिशत पर्क्स का भुगतान किया जाए।
— 2019-20 के बोनस/एसआईपी एवं पीपीपी का भुगतान जल्द किया जाए।
— कैन्टीन एवं ट्रांसपोर्ट सब्सिडी को खत्म करने के प्रस्ताव को निरस्त किया जाए।
— केन्द्रीयकृत इंसेटिव स्कीम को शीघ्र लागू किया जाए।
— लैपटॉप प्रतिपूर्ति को बहाल किया जाए।
— 01 करोड का टर्म इंश्योरेंस शीघ्र लागू किया जाए।
— समस्त पे-अनामली को शीघ्र दूर किया जाए।
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केन्द्र सरकार से यह हैं मांगे
— सार्वजनिक क्षेत्र के विनिवेशीकरण/निजीकरण पर रोक लगायी जाए।
— मजदूर विरोधी श्रम संहिताओ को वापस लिया जाए।
— समय से पूर्व सेवानिवृति के उत्पीडनमय आदेश को वापिस लिया जाए।
— सार्वजनिक क्षेत्र की परिसंपत्तियो के मोनेटाईजेशन पर रोक लगायी जाये।
— केन्द्र एवं राज्य सरकारो मे रिक्त पदो पर शीघ्र भर्ती की जाए।
— बोनस एवं प्रोविडेन्ट फण्ड की अदायिगी पर सभी बाध्यता सीमा हटाई जाए।
— सभी के लिए पेंशन लागू की जाये तथा ईपीएस पेंशन मे सुधार किया जाए।
— न्यूनतम वेतन 21000 रुपये शीघ्र घोषित किया जाए।



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