नवीन चौहान, हरिद्वार। जगजीतपुर के ग्राम प्रधान अंजू वालिया उनके पति दिनेश वालिया नगर निगम के मेयर मनोज गर्ग को आइना दिखा रहे हैं। ग्राम प्रधान ने जगजीतपुर के नालों की सफाई, पुलिया का चौड़ीकरण कराने से लेकर कालोनियों की सड़कों की खस्ता हालत को सुधारकर खूबसूरत बना दिया है। जबकि साढ़े चार साल में मेयर मनोज गर्ग अपने बार्डों का भ्रमण तक नहीं कर पाये। जनता के प्रतिनिधि होने का दंभ भरने वाले मेयर को एक ग्राम प्रधान से ही नसीहत लेकर कम से कम अपने बार्डो में सफाई की व्यवस्था को तो बेहतर बनाया ही जा सकता है। जबकि नगर निगम में सफाईकर्मियों की लंबी चौड़ी फौज कार्य कर रही है।
हरिद्वार की नगर निगम सीमा के सटा हुआ एक गांव जगजीतपुर है। इस गांव के क्षेत्र में कई कालोनियां भी है। गत वर्ष हुये चुनाव में गांव की जनता ने प्रधान के लिये अंजू वालिया को चुना। पद ग्रहण करने के बाद से ही प्रधान अंजू वालिया व उनके पति दिनेश वालिया अपने क्षेत्र का विकास करने के लिये सक्रिय हो गये। सुबह सबेरे उठकर गांवों में घूमना जनता की समस्याओं को जानना उनकी दिनचर्या में शामिल हो गया। तमाम कार्यो का ब्यौरा संकलित करने के बाद उन्होंने प्राथमिकता के आधार पर कार्य कराने शुरू कर दिये। सालों से चली आ रही जगजीतपुर पुलिया के संकीर्ण रास्ते की समस्या को सुलझाया। पुलिया का चौड़ीकरण कराया गया। जिसके बाद गांवों की सफाई को प्राथमिकता दी। गांवों में गंदे पानी की निकासी के लिये नालियों का निर्माण कराया और नालियों की नियमित सफाई की व्यवस्था की। पंचायत भवन का सौंदर्यकरण कराया गया। सड़कों का निर्माण कराया गया और क्षेत्रवासियों की तमाम समस्याओं को सुनकर उनका निराकरण प्रधान पति दिनेश वालिया ने तत्काल कराया। वहीं दूसरी और हरिद्वार के नगर निगम के मेयर मनोज गर्ग की बात करें तो उनका कार्यकाल उनकी सुस्त कार्यप्रणाली के लिये ही जाना जायेगा। मेयर साहब करीब पौने पांच सालों में अपने तमाम वार्डों का दौरा तक नहीं कर पाये। भाजपा पार्षदों के बार्ड के साथ-साथ विपक्षी पार्षदों के बार्ड की हालत दयनीय है। जनता मेयर के कार्यो से नाराज है। अब चूंकि नगर निगम क्षेत्र का विस्तारीकरण हो गया है और निगम के चुनाव नजदीक है तो मेयर साहब को जनता की याद आ गई है। वह अपने बार्डो में घूम-घूमकर उनकी समस्या जान रहे है। तो विपक्षी कांग्रेस मेयर मनोज गर्ग पर चुटकियां ले लेकर हंस रही है। मेयर साहब कम से कम एक ग्राम प्रधान से ही जनता के दिलों में जगह बनाने का राज जान लेते। कम से कम इन विपक्ष के नेताओं को चुटकियां लेने का मौका तो नहीं मिलता।