हरिद्वार की पहली और आखिरी पसंद मदन कौशिक, जानिए पूरी खबर




नवीन चौहान, हरिद्वार। उत्तराखंड सरकार में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के बाद दूसरे कद्दावर नेताओं में हरिद्वार विधायक मदन कौशिक का नाम आता है। वह सरकार के प्रवक्ता और वर्तमान सरकार में शहरी विकास मंत्री के साथ कई महत्वपूर्ण विभागों का कार्य वखूवी निभा रहे है। मदन कौशिक भाजपा हाईकमान की भी पसंद है। इसी के चलते भाजपा हाईकमान ने गुजरात के चुनावों में मदन कौशिक के चुनावी कौशल का लाभ लेने के लिये गुजरात चुनाव प्रचार में उनको भेजा। मदन कौशिक की सबसे बड़ी ताकत उनका चुनावी प्रबंधन है जिसका तोड़ गत 16 सालों में विपक्षी पार्टी नहीं खोज पाई है। विधानसभा चुनाव में उनका मत प्रतिशत में बंपर इजाफा हुआ है। यहीं कारण है कि मदन कौशिक हरिद्वार की जनता की पहली और आखिरी पसंद है। 201709141726304406_madan-kaushik-arrived-pauri-uttarakhand_SECVPF
दो दशक पूर्व भगवानपुर के इमलीखेड़ा गांव से हरिद्वार पहुंचकर राजनीति की दुनिया में कदम बढ़ाने वाले मदन कौशिक भाजपा का एक बड़ा और कद्दावर चेहरा बनकर उभरे हैं। वक्त के साथ-साथ मदन कौशिक की ताकत में लगातार इजाफा हुआ हैं। साल 2002 में पहली बार विधानसभा चुनाव में भाजपा के टिकट पर मैदान में उतरे मदन कौशिक ने वोट बटोरने के लिये बहुत मेहनत की। लोगों के घर-घर पहुंचे। जनता से नजदीकियां बनाई। ब्राह्मण वोट के साथ भाजपा का गढ़ मध्य हरिद्वार और तमाम इलाकों के लोगों से संपर्क साधा। कांटे के मुकाबले में मदन कौशिक 2900 वोट से जीत दर्ज कर विधानसभा पहुंचे। उनता मत प्रतिशत 31 फीसदी रहा। लेकिन इस कांटे के मुकाबले से जीत दर्ज करने के बाद मदन कौशिक आराम से नहीं बैठे। FB_IMG_1514557094748उन्होंने एक पूरी टीम चुनाव प्रबंधन के लिसे तैयार की। तमाम यूनियनों, सामाजिक संगठनों और व्यापार मंडलों में अपनी पैठ बनानी शुरू कर दी। जनता के बीच में लोकप्रिय और हरदिल अजीज की भूमिका में आने लगे। जिसके बाद साल 2007 में उन्होंने अपने प्रतिदंद्वी को 29000 वोटों से करारी शिकस्त दी। इस बार के चुनाव में उनका मत प्रतिशत 48 फीसदी रहा। राज्य में भाजपा की सरकार बनी तो मदन कौशिक को मंत्री पद से नवाजा गया। उन्होंने कुंभ महापर्व को सकुशल संपन्न कराया तथा जनता के बीच संपर्क बनाना नहीं छोड़ा। हालांकि विपक्षी पार्टियों ने महाकुंभ में भ्रष्टाचार के आरोपों का कीचड़ उछाला। लेकिन मदन कौशिक बेदाग रहे।FB_IMG_1514556987832

कुंभ पर्व की सफलता और संतों का आशीर्वाद मदन कौशिक को मिला। साल 2012 के विधानसभा चुनावों में मदन कौशिक पर भाजपा ने एक फिर टिकट दिया। कांटे के मुकाबले में मदन कौशिक 8620 वोट से जीत गये। तीसरी बार विधानसभा पहुंचे मदन कौशिक की पार्टी सत्ता में नहीं पहुंच पाई। लेकिन मदन कौशिक पूरी निष्ठा के साथ भाजपा के विधायक के तौर पर विपक्ष की भूमिका सत्ता पार्टी पर सवाल दागते रहे उनके सवालों ने उनकी छवि को और निखार दिया। यही कारण रहा कि भाजपा हाईकमान हरिद्वार सांसद के तौर पर उनको लोकसभा भेजने का मन बना चुकी थी। लेकिन ऐन वक्त में पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बाजी मार ली। मदन कौशिक का टिकट काटकर निशंक को थमा दिया। विरोधियों ने मदन कौशिक के भाजपा छोड़ने की हवा उड़ा दी। निशंक के विरोध में काम करने के आरोप लगाये गये। लेकिन विरोधियों के तमाम सवालों के जबाव उन्होंने मजबूती के साथ दिये । साल 2017 में चौथी बार मदन कौशिक को भाजपा की ओर से विधानसभा चुनाव का टिकट मिला। इस चुनाव में मदन कौशिक 37000 बंपर वोट से जीते। वोट प्रतिशत बढ़कर 67फीसदी पहुंच गया। मदन कौशिक को केबिनेट मंत्री के साथ-साथ मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की सरकार में सरकार के प्रवक्ता का दायित्व मिला। मदन कौशिक भाजपा को मजबूत करने और पार्टी की नीतियों को जनजन तक पहुंचाने के मिशन में लगे हुये है। दो दशकों में मदन कौशिक हरिद्वार की पहली और आखिरी पसंद बन गये है।
चुनाव प्रबंधन के गुरू मदन कौशिक
मदन कौशिक का बूथ मैनेजमेंट, मीडिया मैनेजमेंट बहुत मजबूत हैं। इस मैनेजमेंट की तारीफ विपक्षी भी दबी जुबां से करते है। होली मिलन, दीपावली मिलन और शादी समारोह में शिरकत कर जनता के बीच में बने रहना मदन कौशिक की खूबियों में शुमार है। मदन कौशिक जनता के छोटे से छोटे कार्यक्रमों में भी अपनी सहभागिता देने का प्रयास करते है। जनता की समस्याओं का निस्तारण करने का हरसंभव प्रयास करते है।
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मदन कौशिक ने इन बीस साल के राजनैतिक सफर में कई बार मुश्किलों का सामना किया है। कुंभ घोटाले, लाईब्रेरी घोटाले और प्रॉपर्टी विवाद में कई बार मदन कौशिक के नाम को बदनाम करने का कार्य विरोधियों ने किया। लेकिन मदन कौशिक के खिलाफ कोई ठोस सबूत पेश नहीं कर पाये। इन सभी आरोपों के बावजूद मदन कौशिक हरबार चुनाव जीतने में सफल हुये और जनता के हरदिल अजीज बने हुये है।



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