हरिद्वार। देशभर में नवरात्रि की धूम है। कन्याओं की पूजा की जा रही है। कन्याओं को उपहार दिये जा रहे है। लेकिन भारतीय रेल के एक टीटीई ने एक कन्या को उसकी मां के साथ सीट पर बैठाने की एवज में दो सौ रुपये की रिश्वत ले ली। टीटीई को दो सौ रुपये दिलाने के दौरान आरपीएफ का कांस्टेबल भी मौजूद रहा। इस मामले की शिकायत रेलवे के उच्चाधिकारियों को भी दी गई है। पूरा मामला मसूरी एक्सप्रेस ट्रेन का है।
हरिद्वार के कनखल निवासी निशा ने रेलवे बोर्ड को भेजी अपनी शिकायत में बताया चांदपुर जाने के लिये उसने 27 सितंबर को मसूरी एक्सप्रेस ट्रेन में सीट आरक्षित कराई। निशा को कोच एस-2 में सीट नंबर 21 आरक्षित हो गई। निशा के साथ उसकी आठ साल की बेटी भी ट्रेन में जाने की जिद्द करने लगी। निशा ने उसकी सीट आरक्षित कराने के लिये रिर्जवेशन काउंटर पर गई। वहां ट्रेन में सीट फुल हो चुकी थी। बेटी को साथ ले जाने की मजबूरी निशा के सामने आ गई। मजबूरी के चलते निशा ने जनरल का टिकट ले लिया। हरिद्वार स्टेशन से ट्रेन रवाना हो गई। इसी दौरान निशा ट्रेन में टीटी के पास पहुंची। बेटी को साथ ले जाने की मजबूरी बताई और जनरल का टिकट दिखलाया। टीटी ने निशा को बेटी को दूसरे डिब्बे में बैठाने को कहा। अकेली बेटी को दूसरे डिब्बे में बैठाना निशा के लिये संभव नहीं था। इसी बीच आरपीएफ का कांस्टेबल आ गया। कांस्टेबल ने टीटी को दो सौ रुपये देने का सुझाव दिया। बेटी को साथ ले जाने की मजबूरी के चलते निशा ने टीटी को दो सौ रुपये दे दिये। इस प्रकरण की शिकायत हरिद्वार स्टेशन के सुपरिटेंडेंट से की जा चुकी है।
मोदी राज में भी नहीं सुधरा रेलवे
भारतीय रेल में सीट आरक्षित करने के नाम पर अवैध वसूली का धंधा जोरों पर चल रहा है। टिकट चेकिंग करने वाले टिकट कलेक्टर खुलेआम जनता से अवैध वसूली कर रहे है। चलती ट्रेन में टीटी सीट आरक्षित करते है। इस दौरान कई लोगों को रसीद दी जाती है। जबकि कई लोगों का पैंसा टीटी अपनी जेब में रख लेते है। अधिकांश मामलों में पीड़ित रेलवे बोर्ड को शिकायत नहीं करते है। जिसके चलते इन अवैध वसूली करने वाले टीटीई के हौसले बुलंद हो गये है। रेलवे के ये हाल तो तब है जब देश में मोदी सरकार है। मोदी भ्रट्राचार मुक्त भारत का सपना जनता को दिखा रहे है।