नवीन चौहान.
कम उम्र में चश्मा लग जाना आजकल एक सामान्य-सी बात है। इस समस्या से जूझ रहे लोग इसे मजबूरी मानकर हमेशा के लिए अपना लेते हैं, लेकिन ऐसा नहीं है कि अगर किसी कारण से एक बार चश्मा लग जाए तो वह उतर नहीं सकता।
चश्मा लगने का सबसे प्रमुख कारण आंखों की ठीक से देखभाल न करना, पोषक तत्वों की कमी या अनुवांशिक हो सकते हैं। इनमें से अनुवांशिक कारण को छोड़कर अन्य कारणों से लगा चश्मा सही देखभाल व खानपान का ध्यान रखने के साथ ही देसी नुस्खे अपनाकर उतारा जा सकता है।
आज हम आपको बताने जा रहे हैं कुछ ऐसे ही घरेलू नुस्खे जो आंखों की समस्या में रामबाण की तरह काम करते हैं। आंवले के पानी से आंखें धोने से या गुलाब जल डालने से आंखें स्वस्थ रहती है। बादाम की गिरी, बड़ी सौंफ व मिश्री तीनों को समान मात्रा में मिला लें। रोज इस मिश्रण को एक चम्मच मात्रा में एक गिलास दूध के साथ रात को सोते समय लें।
बेलपत्र का 20 से 50 मि.ली. रस पीने और 3 से 5 बूंद आंखों में काजल की तरह लगाने से रतौंधी रोग में आराम होता है। आंखों के हर प्रकार के रोग जैसे पानी गिरना, आंखें आना, आंखों की दुर्बलता, आदि होने पर रात को आठ बादाम भिगोकर सुबह पीस कर पानी में मिलाकर पी जाएं।
केला, गन्ना खाना आंखों के लिए लाभकारी है। गन्ने का रस पिएं। एक नींबू एक गिलास पानी में पीते रहने से जीवन भर नेत्र ज्योति बनी रहती है।
हल्दी की गांठ को तुअर की दाल में उबालकर, छाया में सुखाकर, पानी में घिसकर सूर्यास्त से पूर्व दिन में दो बार आंख में काजल की तरह लगाने से आंखों की लालिमा दूर होती है व आंखें स्वस्थ रहती हैं। करते रहने पर चश्मे का नंबर कम हो जाता है।
कनपटी पर गाय के घी की हल्के हाथ से रोजाना कुछ देर मसाज करने पर आंखों की रोशनी बढ़ती है।
पैर के तलवों पर सरसों के तेल की मालिश करके सोएं। सुबह के समय नंगे पैर हरी घास पर चलें व नियमित रूप से अनुलोम-विलोम प्राणायाम करें।आंखों की कमजोरी दूर हो जाएगी।
एक चने के दाने जितनी फिटकरी को सेंककर सौ ग्राम गुलाबजल में डालकर रख लें। रोजाना रात को सोते समय इस गुलाबजल की चार- पांच बूंद आंखों में डाले। साथ ही,पैर के तलवों पर घी की मालिश करें इससे चश्मे के नंबर कम हो जाते हैं।
रात्रि में सोते समय अरण्डी का तेल या शहद आंखों में डालने से आंखों की सफेदी बढ़ती है। नींबू एवं गुलाब जल का समान मात्रा में मिलाकर बनाया गया मिश्रण एक-एक घंटे के अंतर से आंखों में डालने से आखों को ठंडक मिलती है।
त्रिफला चूर्ण को रात्रि में पानी में भिगोकर, सुबह छानकर उस पानी से आंखें धोने से नेत्रज्योति बढ़ती है। बादाम की गिरी, बड़ी सौंफ व मिश्री तीनों को समान मात्रा में मिला लें। रोज इस मिश्रण को एक चम्मच मात्रा में एक गिलास दूध के साथ रात को सोते समय लें।
सुबह के समय उठकर बिना कुल्ला किए मुंह की लार (Saliva) अपनी आंखों में काजल की तरह लगाएंं। लगातार 6 महीने। बुढ़ापे में भी चश्मे की जरुरत नहीं होगी।
Dr.(Vaid) Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy
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