IAS Ansul singh आईएएस अंशुल सिंह की धुआंधार बल्लेबाजी, 16 चौकों की मदद से 154 रन नाट आउट




नवीन चौहान.
आईएएस अंशुल सिंह ने शानदार धुआंधार बल्लेबाजी करते हुए 125 बॉल में 154 रन बनाकर कीर्तिमान बनाया है। उनका स्टाइक रेट 123 का रहा। जिसमें 16 चौंके जड़े। हालांकि इस शानदार पारी के दौरान कोई छक्का नही लगा पाए। लीग का शुभारंभ मैच हरिद्वार क्रि​केट क्लब और सैनी क्रिकेट एकेडमी के बीच खेला गया। निर्धारित 40 ओवर के मैच में हरिद्वार क्रिेकेट क्लब ने पहले बल्लेबाजी करते हुए एक विकेट के नुकसान पर 283 रन बनाए। जबकि रनों का पीछा करते हुए सैनी क्रिकेट एकेडमी की टीम आठ ​विकेट के नुकसान पर 251 रन ही बना पाई। अंशुल सिंह की शानदार और यादगार पारी ने क्रिकेट के रोमांच को बनाए रखा। उनके रनों की बदौलत उनकी टीम बड़ा स्कोर खड़ा करने में कामयाब रही।

Anshul Singh taking the man of the match trophy


हरिद्वार के जमालपुर कलां में हरिद्वार सीनियर क्रिकेट लीग का शुभारंभ रानीपुर विधायक आदेश चौहान ने खिलाड़ियों से परिचय लेकर किया। उन्होंने खिलाड़ियों से हाथ मिलाया और खेल भावना से मैच खेलने की अपील की। 7th डिस्ट्रिक्ट हरिद्वार सीनियर क्रिकेट लीग का ओपनिंग मैच हरिद्वार विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष आईएएस अंशुल सिंह के नाम रहा। जिन्होंने नॉट आउट 154 रनों की शानदार और यादगार पारी खेली। डेढ़ सौ रनों से अधिक की पारी खेलने पर भाजपा नेता और समाजसेवी विशाल गर्ग ने अंशुल सिंह को बधाई दी। एकेडमी संचालक संजीव चौधरी ने डेढ़ सौ रनों की धुआंधार पारी के लिए अंशुल सिंह को बधाई और शुभकामनाएं दी।


अंशुल सिंह एक ईमानदार और कर्तव्यनिष्ठ प्रशासक होने के साथ क्रिकेट के बेहतरीन खिलाड़ी। युवाओं के प्रेरणास्रोत्र अंशुल सिंह खेलों काके बढ़ावा देने की दिशा में कार्यरत है। उन्होंने हरिद्वार ​रूड़की विकास प्राधिकरण के सहयोग से हरिद्वार के युवाओं को खेल मैदान को हाईटेक बनाने की सौगात दी है। इसी के साथ वह खुद भी मैदान में पसीना बहाते नजर आते है। क्रिकेट का लगातार अभ्यास करते है और युवा क्रिकेटरों को क्रिकेट के गुर सिखाते भी दिखाई देते है।


अंशुल सिंह ने ​हरिद्वार के इस मैदान पर 154 रनों की सबसे बड़ी पारी खेलकर एक नया कीर्तिमान बनाया है। अंशुल सिंह ने बताया कि यह पारी अपने कोच शुभेंदु पानी और धर्मपत्नी प्रशस्ति शुक्ला को समर्पित की है। कोच शुभेंदु पानी सर ने मुझे क्रिकेट के तमाम गुर सिखाए और क्रिकेट का एक अच्छा खिलाड़ी बनने का अवसर दिया। वही उनकी धर्मपत्नी प्रशस्ति शुक्ला जी भी क्रिकेट खेलने के लिए लगातार प्रेरित करती है। यह शानदार पारी इन दोनों को समर्पित है।



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