उत्तराखंड के आईएएस अफसर को जान का खतरा, मांगी सुरक्षा, जानिये पूरी खबर




हरिद्वार। उत्तराखंड के ईमानदार आईएएस अफसर व तत्कालीन कुमांऊ कमिश्नर वर्तमान में शासन में तैनात सचिव डी सेंथिल पांडियान व उनके परिवार को जान का खतरा है। इस सबंध में कुमांऊ कमिश्नर ने सचिवालय में कार्मिक विभाग की सचिव राधा रतूड़ी को पत्र भेजा है। पत्र में उन्होंने अपनी जान को खतरा बताते हुये सुरक्षा की मांग की है। उत्तराखंड के सबसे चर्चित और हाईप्रोफाइल एनएच-74 के घोटाले की जांच करने के दौरान इस बात को उठाया है।
कुमांऊ क्षेत्र में एचएच-74 के चौड़ीकरण का कार्य आरंभ किया गया था। इस कार्य को कराने के लिये हाईवे के आसपास की जमीन को अधिग्रहित किया गया था। इसी जमीन को अधिग्रहण करने के दौरान दिये जाने वाले मुआवजे में कई करोड़ का घोटाला सामने आया। शासन की ओर से इस प्रकरण की जांच करने की जिम्मेदारी तत्कालीन कुमाऊ कमिश्नर डी सेंथिल पांडियान को दी गई। अपनी ईमानदारी के लिये जाने पहचाने जाने वाले डी सेंथिल पांडियान ने निष्पक्षता से प्रकरण की जांच की। जिसके बाद सात पीसीएस अधिकारियों को निंलंबित किया गया। जबकि निचले स्तर के कई कर्मचारी भरष्टाचार में लिप्त पाये गये। एक एसडीएम के पेशकार को गिरफ्तार कर जेल भेजा चुका है। इस प्रकरण की जांच अब एसटीएफ को दी जा चुकी है। इसी प्रकरण में नया मोड़ तब आ गया जब तत्कालीन कुमांऊ कमिश्नर डी सेंथिल पांडियान ने अपनी जान का खतरा बताते हुये सुरक्षा की मांग कार्मिक विभाग की सचिव राधा रतूड़ी से कर दी। इस पत्र के जारी होने के बाद शासन से लेकर सरकार में खलबली मच गई। चर्चाओं का बाजार गरम हो गया। एक आईएएस अफसर की जान को खतरा अपने आप में एक बड़ी बात है।
ईमानदार आईएएस अफसर डी सेंथिल पांडियान
हरिद्वार। आईएएस अफसर डी सेंथिल पांडियान अपनी ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के चलते समाज में अलग पहचान रखने है। हरिद्वार जिलाधिकारी रहने के दौरान डी सेंथिल पांडियान ने जनता के दिल में अमिट छाप छोड़ी। जनता के कार्यो को विशेष प्राथमिकता दी गई। मीडिया और कैमरों की नजर से दूर रखकर डी सेंथिल पांडियान सिर्फ काम को प्राथमिकता देते है। उनका शिक्षा सचिव का कार्यकाल भी उल्लेखनीय रहा। उत्तराखंड के सरकारी स्कूलों में शिक्षण कार्य को बेहतर करने की दिशा में उन्होंने बहुत कार्य किया। बेदाग छवि के चलते डी सेंथिल पांडियान की इस शिकायत के बाद आईएएस अफसरों में भी सुगबुगाहट तेज हो गई है।
सीबीआई की संस्तुति भी हो सकती है बढ़ी वजह
हरिद्वार। डी सेंथिल पांडियान की ईमानदारी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कुमाऊ कमिनश्नर रहने के दौरान एनएच 74 प्रकरण की जांच उन्होंने सीबीआई से कराने की संस्तुति की थी। लेकिन सरकार ने इस मामले को सीबीआई को भेजने की जगह डी सेंथिल पांडियान का तबादला शासन में बतौर सचिव कर दिया गया। और इस केस की जांच के लिये स्पेशल टास्क फोर्स गठित कर दी गई। जो कि वर्तमान में जांच कर रही है। सरकार के इस केस को सीबीआई को ना भेजने के पीछे भी सरकार की मंशा पर सवाल उठ रहे है। दबी जुबान से ही सही लोगों में चर्चा है कि सरकार कुछ सफेदपोश नेताओं को इस केस से बचाना चाहती है।



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