नवीन चौहान
कोरोना महामारी से बचने के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने मॉस्क पहनकर घर से बाहर निकलना अनिवार्य किया है। मॉस्क न पहने वालों पर जुर्माने का प्रावधान किया गया है। उत्तराखंड की राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शनिवार को महामारी अधिनियम 1897 उतराखंड राज्य संशोधन अध्यादेश को मंजूरी दे दी। बताया जा रहा है कि मंजूरी के बाद अब मास्क नहीं पहनने और सामाजिक दूरी का उल्लंघन करने पर 6 माह की सजा या पांच हजार जुर्माना होगा। उतराखंड राज्य देश का तीसरा ऐसा राज्य है कि जिसने केंद्र के एक्ट में संशोधन कर यह जुर्माना और सजा का प्रावधान किया है। इससे पहले केरल और उड़ीसा ने इसे लागू किया है।
प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ रहे हैं, लगातार मिल रहे कोरोना संक्रमण के मामलों को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की चिंता भी बढ़ रही है। सरकार ने गाइड लाइन जारी की थी कि लॉकडाउन में मिली छूट के दौरान कोई भी व्यक्ति बिना मॉस्क के घर से बाहर नहीं निकले। घर से बाहर निकलते समय मॉस्क पहनना अनिवार्य होगा, ऐसा न करने वालों के खिलाफ जुर्माने का प्रावधान रखा गया है। इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने पर भी जुर्माने और सजा का प्रावधान रखा गया है। शासन का मानना है कि जब तक सोशल डिस्टेंसिंग का सभी पालन नहीं करेगें तब तक कोरोना को नहीं जीता जा सकता। कोरोना से जंग जीतने के लिए एक दूसरे से सोशल डिस्टेंसिंग और मॉस्क पहनना जरूरी है। इसके अलावा थोड़ी थोड़ी देर में साबुन से हाथ साफ करना और जरूरत होने पर हाथ सैनेटाइज करना भी जरूरी है।
लॉकडाउन में मिली छूट के बाद राज्य में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हो रही है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि अब जो कोरोना संक्रमित मरीज मिल रहे हैं वह अधिकतर प्रवासी हैं जिन्हें पहले ही सर्विलांस किया गया है। इसलिए इस पर जल्द ही काबू पाया जा सकेगा।