किडनी चोरों को गिरफ्तार करने के लिये चार राज्यों में पुलिस




गुरविंदर सिंह, हरिद्वार। किडनी चोर चिकित्सकों को गिरफ्तार करने के लिये देहरादून पुलिस ने पूरी ताकत झोंक दी है। पुलिस की चार टीमे दिल्ली, हरियाणा, पंजाब और गुजरात में दबिश दे रही है। आरोपी चिकित्सकों की लोकेशन  के लिये सर्विलांस की मदद ली जा रही है। इसी के साथ पुलिस गिरफ्त में आये आरोपी जावेद से पुलिस अधिकारियों ने कड़ी पूछताछ कर कई जानकारी जुटाई है। जावेद ने कई चौकाने वाले खुलासे किये है। जिसके आधार पर पुलिस तफ्तीश को आगे बढ़ायेगी।
देहरादून के लालतप्पड़ स्थित गंगोत्री चैरेटिबल हॉस्पिटल के कारनामों का देहरादून की एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने खुलासा किया था। बताया था कि निशुल्क चिकित्सा सेवा की आढ़ में किडनी चोरी करने का अवैध कारोबार संचालित किया जाता था। किडनी बेचने वाले चार लोगों के साथ पुलिस ने एक दलाल जावेद को पकड़ा था। आरोपी जावेद ने पुलिस को बताया था हॉस्पिटल के चिकित्सक अमित रावत किडनी चोरी के मास्टर माइंड है। इससे पहले की पुलिस आरोपी चिकित्सकों तक पहुंचती वह फरार हो गया। इस आरोपी चिकित्सक अमित रावत को गिरफ्तार करने के लिये पुलिस की चार टीमे बनाई गई है। इन टीमों को वेस्ट यूपी के अलावा, गुजरात, दिल्ली, चंडीगढ,हरियाणा रवाना किया गया है। इसी के साथ एसपी ग्रामीण सरिता डोभाल, सीओ सदर लोकेश्वर सिंह, सीओ ऋषिकेश मंजुम नाथ टीसी और डोईवाला कोतवाली के प्रभारी ओम सिंह ने आरोपी जावेद खान से कड़ी पूछताछ कर कई अहम जानकारी जुटाई है।

आरोपी डॉक्टर का फोन दिल्ली में हुआ स्विच आॅफ
हरिद्वार। आरोपी चिकित्सकों को गिरफ्तार करने के लिये पुलिस सर्विलांस की मदद ले रही है। शुरूआती पड़ताल में पुलिस को कोई कामयाबी नहीं मिल पाई है। आरोपी चिकित्सक अमित की अंतिम लोकेशन दिल्ली तक की है। दिल्ली में अमित का फोन आखिरी बार बंद हो गया। जिसके बाद से अभी तक फोन चालू नहीं हुआ है। इसी के साथ पुलिस ने आरोपियों के परिजनों की कुंडली को खंगालना शुरू कर दिया है।

हॉस्पिटल में काम करने वाले लोगों की भूमिका संदिग्ध
हरिद्वार। गंगोत्री चैरेटिबल हॉस्पिटल की आढ़ में अवैध तरीके से किडनी कारोबार चलाने के मामने में कई अन्य लोगों की भूमिका संदेह के घेरे में है। बताते चले कि अस्पताल के परिसर डेंटल कॉलेज है। इसके अलावा डेंटल की पढ़ाई करने वाले बच्चों के लिये हॉस्टल की सुविधा भी है। इसके अलावा डेंटल कॉलेज के गेट पर 24 घंटे सुरक्षाकर्मी तैनात रहता है। ऐसे में सवाला उठता है कि किडनी के धंधे की नक किसी को कैसे नहीं लग पाई। आखिकार मरीज के साथ उसके अटेंडेंट भी आते होगे। डील भी होती होगी। हॉस्पिटल की नर्स को तो पता होना चाहिये कि चिकित्सक मरीज का कौन का इलाज कर रहे है। तमाम सवालों का जबाव पुलिस तलाश कर रही है।



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