कुंभ केवल एक महीने का पर्व, ज्योर्तिमठ से देंगे 2500 लोगों को पेंशन, देखें वीडियो





जोगेंद्र मावी
कुंभ केवल एक महीने का पर्व होता है। मुख्य स्नान के 15 दिन पहले और 15 दिन बाद तक इसका प्रभाव रहता है। कुंभ मेला शासन के लिए होता है। धर्मशास्त्र के अनुसार कुंभ मेला नहीं, बल्कि पर्व होता है। यह बातें हरिद्वार पहुंचे शंकराचार्य जगद्गुरू स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के शिष्य एवं उत्तराधिकारी स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज सरस्वती ने कहीं।
कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि कुंभ की अवधि के दिनों को घटाने का क्या आधार हैं, इसके बारे में प्रशासन ही जाने। लेकिन धर्म शास्त्रों के अनुसार ही कुंभ पर्व होता है। कुंभ मेला नहीं पर्व का नाम देना चाहिए। कुंभ केवल एक महीने का होता है। मुख्य स्नान के 15 दिन पहले और 15 दिन बाद ही प्रभाव होता है। जो चार महीने का कुंभ प्रशासन लगाता है यह तो प्रशासन अपना मेला लगाता है। कुंभ पर्व एक ही महीने का होता है। जो अभी भी जो 48 दिन 17 या 18 दिन अधिक लगाया जा रहा है। धर्मशास्त्र के अनुसार ही कुंभ मेला लगाया जाना चाहिए।
शंकराचार्य के 50 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में दो साल चलेंगे कार्यक्रम
जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती को ज्योर्तिमठ पीठ के शंकराचार्य नियुक्त हुए पूरे 50 साल होने पर मठ की ओर से स्वर्ण ज्योति महामहोत्सव मनाया जा रहा है। प्रथम महोत्सव मठ में हो चुका है। स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद महाराज ने बताया कि 10 जनवरी को हरिद्वार में बड़ा आयोजन होगा। इसमें 2500 लोगों को सम्मानित करेंगे। इन सभी को मठ की ओर से पेंशन भी देने का काम करेंगे।
कनखल शंकराचार्य मठ में कार्यक्रम के लिए संतो की बैठक का आयोजन किया गया। शंकराचार्य के शिष्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के सानिध्य में हुई इस बैठक में गंगोत्री, यमुनोत्री और हरिद्वार के साधु-संतों एवं तीर्थ पुरोहितों ने भाग लिया। इस अवसर पर स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने बताया कि स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती के ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य बनने के 50 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं, जिसको लेकर पीठ द्वारा स्वर्ण ज्योति महामहोत्सव मनाया जा रहा है सभी शिष्यों और अनुयायियों की इच्छा थी कि यह कार्यक्रम उनके यहां पर संपन्न हो, जिसको देखते हुए यह तय हुआ है कि देश भर में अगले 2 वर्षों तक 50 कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। प्रत्येक माह की शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की द्वादशी के दिन यह कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे, आने वाली 10 जनवरी को कनखल स्थित शंकराचार्य मठ में भव्य कार्यक्रम आयोजित होने जा रहा है, जिसमें सनातन धर्म पर चर्चा की जाएगी और गुरुजी का सनातन धर्म में योगदान पर भी चर्चा होगी, प्रदेश के अलग अलग स्थानों सहित देशभर के 50 जगह यह कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

कुंभ—2021 का आगाज

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