बूढ़ी मां को जंजीर से जकड़ कर जड़ दिया ताला




मेरठ . यूपी के मेरठ में एक ऐसी घटना सामने आई है जो रिश्तों को शर्मसार कर देगी, बुढ़ापे में सहारे की उम्मीद बुजुर्ग अपनी औलाद से रखते है और पड़ा लिखाकर उन्हें अच्छा इंसान बनाने के लिए हर परेशानी से लड़ जाते है लेकिन इस उम्र में आ जाने के बाद औलाद कितना काम आती है ये हम आपको आज बताएंगे अवरी बेगम ने 90 साल तक हर परेशानियो सामना जारी रखा, जिंदगी को जिंदादिली से जीने की चाहत भी थी, मगर जैसे ही बुढ़ापे की दहलीज पर कदम रखा तो किस्मत ही रूठ गई, जानकारी के मुताबिक कुछ साल पहले अवरी बेगम का मानसिक संतुलन बिगड़ गया उल्टी सीधी हरकतों से तंग आकर परिजनों ने उनके पैरों को जंजीरों से जकड़ दिया है ।

आपको बता दें कि लोहियानगर काशीराम आवासीय कालोनी की रहने वाली 90 साल की अवरी बेगम के पैर बेडिय़ों से जकड़े हैं,  बहु बेटा पहले तो अवरी की देखभाल करते थे, मगर पांच माह पूर्व वह लाइलाज बीमारी का शिकार हुई तो उसने भी खाट पकड़ ली, जंजीरो की क़ैद में नारकीय हालात में जीने को मजबूर अवरी बेगम का वारिश उसका बेटा ही है जो अपनी माँ को क़ैद मैं रखता हैं, बेटे से बात करनी चाही तो तबियत ख़राब का बहाना बनाकर मिलने से मना कर दिया रिश्तेदारों का कहना है कि बेटे और बहु ने अवरी बेगम को जंजीरो मैं क़ैद कर उसको काफी प्रताड़ित किया हैं, रात तक उसे इस टेम्पू में बाँध कर रखा जाता हैं जब उनसे ऐसा करने को मना किया जाता हैं तो वो अवरी बेगम को मानसिक विक्षिप्त बोलकर अपना बचाव करते नज़र आते हैं, पड़ोस के लोगो ने बताया की अवरी बेगम कि एक अलग पहचान थी, समाज के लोग उन्हें काफी सम्मान देते थे लेकिन बुढ़ापा आया तो जंजीरो में क़ैद होकर रह गई, अवरी बेगम का बेटा किसी वकील के यहाँ मुंशी हैं लेकिन माँ के इलाज के लिए भी वो तैयार नहीं हैं.



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