शहीद मेजर विभूति राजकीय सम्मान के साथ पंचतत्व में विलीन




नवीन चौहान
भारत मां की रक्षा के लिए अपने जान की बाजी लगाने वाले शहीद मेजर विभूति के पार्थिव शव को हरिद्वार के खड़खड़ी स्थित श्मशान घाट पर लाया गया। जहां राजकीय सम्मान के साथ शहीद मेजर विभूति को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों ने पुष्प चक्र समर्पित किए। जिसके बाद सेना के जवानों की ओर से गार्ड आफ आनर दिया गया। जिसके बाद शहीद को अंतिम विदाई दी गई।

देवभूमि उत्तराखंड के एक और जांबाज ने अपने को देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी। 55 वीं राष्ट्रीय राइफल में मेजर शहीद विभूति शंकर ढोंडियाल जम्मू कश्मीर के पुलवामा में आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहीद हो गए थे । मेजर विभूति का पार्थिव शरीर को आज सेना के फूलों से सजे हुए वाहन में देहरादून से हरिद्वार स्थित खड़खड़ी शमशान घाट लाया गया।मेजर के पार्थिव शरीर के पहुंचते ही पूरा आसमान पाकिस्तान मुर्दाबाद हिंदुस्तान जिंदाबाद और विभूति तुम्हारा यह बलिदान याद करेगा हिंदुस्तान आदि नारों से गूंज उठा। श्मशान घाट पर उपस्थितजन अपने जाबांज शहीद मेजर विभूति को श्रद्धासुमन अर्पित करने के लिए आतुर दिखाई दिया ।सेना की धुन और नारों के बीच मेजर के पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि के लिए रखा गया । जहाँ सेना के अधिकारियों के साथ उत्तराखंड के कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ,विधायक गणेश जोशी ,हरीश धामी ,साध्वी प्राची ,पूर्व मंत्री संजय पालीवाल समेत बड़ी संख्या में स्थानीय लोगों ने शहीद को फूल चक्र और फूल चढ़ाकर अपने श्रद्धसुमन अर्पित किए ।पिछले चार दिन में हरिद्वार का खड़खड़ी शमशान घाट तीन वीर शहीदों के अंतिम संस्कार का गवाह बन चुका है ,पहले दिन सीआरपीएफ के एक आईएसआई मोहन लाल रतूड़ी ,उसके बाद मेजर चित्रेश बिष्ट और आज मेजर विभूति शंकर का अंतिम संस्कार यहां पर किया गया ।तीन ही जाबाज आतंकवादी घटनाओं में शहीद हुए है। विभूति ने 2012 में ओटीए करके 55 वी राष्ट्रीय राइफल्स ज्वाइन की थी और गत वर्ष अप्रैल के माह में ही शादी फरीदाबाद की निकिता कौल के हुई थी ,निकिता कश्मीरी विस्थापित परिवार से है ।जबकि विभूति के पिता का पहले ही देहांत हो चुका है ।
शहीद को श्रद्धासुमन अर्पित करने के बाद बोले मदन
कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का वो गौरव है। जहाँ हर घर में एक व्यक्ति देश के लिए सेना के माध्यम से सेवा दे रहा है। और जब शहादत की बात आती है तो प्रथम पंक्ति में खड़ा नजर आता है। शहीद चित्रेश के बाद आज मेजर विभूति को श्रद्धांजलि दी। मन बहुत आहत है। उन्होंने कहा कि शहीद विभूति के रूप में एक बड़े अधिकारी जिनकी शादी को मात्र 10 माह हुए थे को श्रद्धांजलि दी है। आतंकवादियों को लेकर मन में गुस्सा भी है। प्रायोजित आतंकवादी को लेकर ,निश्चित रूप से आने वाले समय ने बदलाव होगा और देश के 130 करोड़ लोग अपनी सेना के पीछे मजबूती के साथ खड़े है ।
शहीद मेजर विभूति के दोस्त मयंक ने कहा

विभूति के दोस्त मयंक का कहना है कि वो सर्वोच्च बलिदान देकर हम सब से बहुत बड़ा हो गया है। दुखद घटना है और गौरव भी है ,खुशमिजाज था हमेशा मजाक करता रहता था हमारे लिए मानना मुश्किल है कि वो हमारे बीच नही है ।जब गया था तो मजाक करता हुआ ही गया था। अप्रैल में आने के लिए कह कर गया था, हमे क्या पता था कि इस तरीके से आएगा। वो भी वीरों में से एक था अपना नाम रोशन कर गया ,अभी चित्रेश गया वो भी हमारा मित्र ही था ,रोज रोज जो हो रहा है वो ठीक नही है अगर आज आम आदमी को हथियार दे दिए जाएं तो वे सीमा पर खड़े हो जाएंगे ,हम बदले की मांग करते है जितना बॉर्डर के इधर है उतना ही सीमा।के पार होना चाहिए ,वो शुरू से ही सैन्य बल में शामिल होना चाहता था और जब तब वो शमी नही हो गया लगा रहा ,उसके अंदर जज्बा था और आतंकियों का सफाया करने में आगे रहने की बात कहता था ,कहता था कि अबकी बार इसे मारूंगा ,अधिकतर जम्मू कश्मीर में ही रहा था
साध्वी प्राची बोली
विहिप की फायर ब्रांड नेत्री साध्वी प्राची ने कहा कि सबसे पहले जो सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हुए है उनके लिए प्रार्थना करती हूँ और ईश्वर से अपने चरणों मे स्थान प्रदान करने की कामना करती हूँ ,हिंदुस्तान के सैनिकों पर जो आतंकवादी हमला हुआ है बड़ी शर्मनाक घटना है ,दुखद घटना है ,इसका हल मैं तो पहले ही कह रही हूँ,आरपार हो जानी चाहिए इस बार और कोई हल नही है ,लहू का बदला लहू होना चाहिए।

विधायक गणेश जोशी बोले
पूर्व सैनिक और विधायक गणेश जोशी का कहना है कि 14 तारीख को सीआरपीएफ के जवानों पर हमला हुआ था। उसकी आग अभी ठंडी भी नही हुई थी कि देहरादून के मेजर चित्रेश और परसो रात्रि विभूति शंकर शहीद हुए है ,इस संकट की घड़ी में पूरे देश की 125 करोड़ जनता अपने वीर सैनिकों के साथ मे है ,आज जब इनकी शवयात्रा निकल रही थी तो इस प्रकार का जज्बा लोगों के अंदर था ,क्योकि आमने सामने की लड़ाई में पाकिस्तान भारत से नही जीत सकता गई चाहे कोई भी युद्ध रहा हो ,इस तरह के प्रॉक्सी बार के द्वारा हमारी सेना को निशाना बनाया जा रहा है मगर हमारी सेना ने मन बना लिया है और प्रधानमंत्री ने भी सेना को खुली छूट दी है इस समय भी नौशेरा में मुठभेड़ चल रही है में सेना को नमन करता हूँ ,इस वीर को जिसे श्रद्धांजलि देने आए है इनका पूरा परिवार की पृष्ठभूमि सैनिक की है ,इनकी मां ने परसो कहा था कि अगर उनके एक बेटा और होता तो वे उसे भी सेना में देती ।में इस जज्बे को सलाम करता हूँ,और परिवार को दुख सहन करने की शक्ति प्रदान करने की कामना करता हूँ ।यह बलिदान खाली नही जाने वाला है और सैनिक चुन चुन कर आतंकवादियों का सफाया कर रहे है ।



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