हरिद्वार। गंगा रक्षा व अवैध खनन के खिलाफ अपने प्राणों का बलिदान देने वाले मातृसदन के ब्रह्लीन ब्रह्मचारी स्वामी निगमानंद की सातवीं पुण्यतिथी पर मातृसदन व गंगा भक्तों की और से उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए गंगा रक्षा का संकल्प लिया। इस अवसर पर मातृसदन के परमाध्यक्ष स्वामी शिवानंद महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन निगमानंद के बलिदान को व्यर्थ नहीं जाने दिया जाएगा। गंगा रक्षा, गंगा की अविरलता व गंगा में अवैध खनन के खिलाफ मातृसदन का आंदोलन लगातार चलता रहेगा। चाहे कितनी ही बाधाएं क्यों न आए गंगा के अस्तित्व को बनाए रखने की लड़ाई से मातृसदन पीछे नहीं हटेगा। उन्होंने कहा कि निगमानंद के हत्यारों को उनके कृत्य सजा एक दिन जरूर मिलेगी। गंगा के लिए पूरा मातृसदन अपने प्राणों को बलिदान करने को सदैव तत्पर है। निगमानंद की शहादत को कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने सभी गंगा भक्तों से आगे आने का आह्वान करते हुए कहा कि चुप बैठने से काम चलने वाला नहीं है। गंगा में खनन के मामले में सरकारों की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रदेश में कोई भी सरकार रही हो। गंगा के प्रति किसी भी सरकार की नीति कभी स्पष्ट नहीं रही। समाजसेवी जेपी बड़ोनी ने कहा कि गंगा में होने वाला खनन प्रदेश में हमेशा एक बड़ा मुद्दा रहा है। इतने बड़े मामले को लेकर किसी भी सरकार ने कभी कोई स्पष्ट नीति नहीं अपनाई। इसी का परिणाम है कि गंगा में खनन के खिलाफ आंदोलन करते हुए मातृसदन के ब्रह्मचारी निगमानंद को अपने प्राणों की आहुति तक देनी पड़ी। एक सन्यासी के बलिदान के बावजूद सरकार की नीतियों में कोई बदलावा नहीं आया। जो कि बेहद चिंतनीय है। व्यापारी नेता संजीव चौधरी ने कहा कि गंगा रक्षा के लिए स्वामी निगमानंद का बलिदान एक बड़ी घटना है। इतनी बड़ी घटना के बावजूद गंगा में खनन होना सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े करता है। इस अवसर पर बड़ी संख्या में संतों, गंगा प्रेमियों ने निगमानंद की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।