नवीन चौहान
बसपा के सात बागी विधायकों को बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी से निलंबित कर दिया है। वहीं दूसरी ओर मायावती ने यह भी कहा कि स्टेट गेस्ट हाउस कांड केस लेना उनकी सबसे बड़ी भूल। बसपा सुप्रीमो ने साफ कहा कि वह सपा को हराने के लिए भाजपा को भी अपना समर्थन देंगे।
यूपी की राजनीतिक राज्यसभा चुनाव के दौरान बड़ी उठापटक देखने को मिल रही है। सपा ने बसपा के सात विधायकों को अपने खेमे में शामिल किये जाने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी अपने तल्ख तेवर दिखाकर सपा को बताया दिया की इस मामले में वह चुप बैठने वाली नहीं है। मायावती ने अपने सातों बागी विधाकयों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। यही नहीं उन्होंने कहा कि विधान परिषद के चुनाव में वह सपा प्रत्याशी को हराने के लिए भाजपा या अन्य किसी पार्टी को अपना समर्थन देंगी। यूपी में हुए इस उलटफेर के बाद अब बसपा सुप्रीमो अपनी रणनीति को और अधिक मजबूत करने में जुट गई हैं। उन्होंने कहा भी है कि जो विधायक बागी होकर सपा में गए हैं उनकी ही बिरादरी के प्रत्याशियों को वह अगामी चुनाव में मैदान में उतारेंगी। बसपा सुप्रीमो ने यह भी कहा कि अखिलेश याद व तोड़फोड़ की राजनीति कर अपने पिता के पदचिन्हों पर चल रहे हैं, लेकिन उन्हें यह भी सबक लेना चाहिए कि इस तरह की राजनीति ने कामयाबी उनके पिता को भी नहीं मिली थी। उनके पिता ने बसपा के 38 विधायक तोड़े थे लेकिन चुनाव में बसपा पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आयी थी।
वहीं दूसरी ओर इस पूरे घटनाक्रम के बाद भाजपा अभी चुप्पी साधे है। हालांकि कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा गांधी ने टवीट कर मायावती पर तंज कसा है, उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए लिखा कि क्या इसके बाद भी कुछ बाकि है। जबकि सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने मायावती के सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा कि सच तो यही है कि बसपा भाजपा से मिल गई है।