वन विभाग में नौकरी के नाम पर ठगें लाखों, शातिर आरोपी गिरफ्तार




सोनी चौहान

वन विभाग में नौकरी दिलाने के नाम पर आरोपियो ने बेरोजगार युवाओ सें लाखों रुपयों की धोखाधड़ी का मामला सामन आया है। आरोपी बेरोजगार युवाओं को अपना टारगेट बनाते थे। ये आरोपी खुद को वन विभाग के अधिकारी बताकर बेरोजगारों से लाखों रूपये की ठगी करते थे। साईबर थाना उत्तराखण्ड ने 6 दिन के भीतर 2 आरोपियो को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से मोबाईल फोन, लैपटाप, नेम प्लेट, एटीएम कार्ड, चैक बुक, वन विभाग में नियुक्ति सम्बन्धित फर्जी दस्तावेज, डोंगल, रबर मुहर वन विभाग उत्तराखण्ड सरकार व उत्तराखण्ड पावर कार्पोरेशन, कैमरा आदि बरामद किया गया है।
साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन में 2 फरवरी 2020 को वन विभाग उत्तराखण्ड ने अपनी तहरीर दी। उन्होंने बताया कि कुछ लोग सोशल मीडिया के माध्यम से वन विभाग उत्तराखण्ड में विभिन्न पदों पर नियुक्ति दिलाये जाने का प्रलोभन देकर कई बेरोजगारों से ठगी कर रहे है। जिससे वन विभाग की ख्याति को हानि पहुंच रही है। वन विभाग की ख्याति को नुकसान पहुंचा रहे है।
इसी मामले की छानबीन करने के लिए उच्चाधिकारियो के आदेशों पर विवेचना के लिए निरीक्षक पंकज पोखरियाल को नियुक्त किया गया। रिधिम अग्रवाल पुलिस उपमहानिरीक्षक, एसटीएफ के निर्देशन मे स्वतन्त्र कुमार अपर पुलिस अधीक्षक एसटीएफ के निकट पर्यवेक्षण मे अभियोग के अनावरण एंव अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए एक टीम का गठन कर राजधानी देहरादून में प्रकरण में आरोपों की पुष्टी के लिए गोपनीय रुप पुलिस टीम रवाना कर जाँच कराई गई। तो मालूमात हुआ कि अभियुक्तगणों द्वारा उत्तराखण्ड राज्य के बेरोजगार युवक युवतियों को वन विभाग में विभिन्न सरकारी पदों पर फर्जी नियुक्ती पत्र देकर भर्ती कराया जा रहा है तथा अन्य बेरोजगार युवक युवतियों को इस जाल में फंसाने के लिये नौकरी का प्रलोभन के ​लिए वाट्सअप ग्रुप भी चलाया जा रहा है।
विवेचक ने बताया कि वन विभाग में भर्ती के नाम पर ठगे गये पीड़ितों की जानकारी कर कथन अंकित किये गये। अभियुक्तगणों द्वारा चलाये जा रहे वाट्सअप ग्रुप की जानकारी की गयी तो प्रकाश में आया कि अपराधियों द्वारा उत्तराखण्ड के बेरोजगार युवक युवतियों को विभिन्न प्रोजेक्ट जैसे नमामी गंगे, उत्तराखण्ड पावर कार्पोरेशन व वन विभाग में वन बीट अधिकारी, वन दरोगा, लोवर डिविजन क्लर्क, एकाउन्टेट आदी के पदो पर भर्ती करने को लेकर प्रलोभन दिया जा रहा था। अभियुक्तगणों द्वारा इस कार्य हेतु अलग ग्रुप बनाया गया था तथा इस पर स्वंय को वन विभाग में बड़े पदों पर आसीन बताकर धोखाधड़ी कर लोगों को ठगा जा रहा था। उन्नत साईबर तकनीक का प्रयोग करते हुये पुलिस टीम द्वारा अभियुक्तों का पता कर देहरादून से अभियोग का सरगना सुमितानन्द भट्ट पुत्र सीताराम भट्ट निवासी ग्राम ककोला पोऑ परकंडी, रुद्रप्रयाग, जनपद रुद्रप्रयाग, हाल किरायेदार विपुल वर्मा निवासी अजबपुर खुर्द, थाना नेहरु कालोनी, जिला देहरादून को गिरफ्तार किया गया। तलाशी में अभियुक्त के कब्जे से वन विभाग में विभिन्न पदों पर वन विभाग के फर्जी लैटर पैड पर दर्जनों युवक युवतियों के नाम जारी नियुक्ति पत्र व अन्य दस्तावेज, शैक्षिक प्रमाण पत्र, विभिन्न बैंकों के खातों से सम्बन्धित चैक बुक, एटीएम कार्ड, डोंगल, रबर मुहर वन विभाग उत्तराखण्ड सरकार व उत्तराखण्ड पावर कार्पोरेशन, कैमरा आदि बरामद हुआ।
अभियुक्त की प्रारम्भिक पूछताछ में बताया कि वह अपने साथियों के साथ उत्तराखण्ड के बेरोजगार युवक युवतियों को विभिन्न सरकारी प्रोजेक्ट नमामी गंगे व उत्तराखण्ड पावर कार्पोरेशन व वन विभाग में वन बीट अधिकारी, वन दरोगा, लोवर डिविजन क्लर्क, एकाउन्टेट आदी के पदों पर भर्ती करने का लालत देते थे। उसका एक साथी टिहरी गढ़वाल निवासी एक साथी विक्की सिंह राणा जिसने विज्ञान परास्नातक (वानिकी) में मास्टर डिग्री प्राप्त की गई है। जिसे वन विभाग की अच्छी जानकारी है। जिसके सहयोग से हमनें राज्य के बेरोजगार युवक युवतियों को वन विभाग व अन्य में विभिन्न पदों नौकरी के नाम पर प्रलोभन दिया गया। तथा प्रत्येक बेरोजगार से पद के हिसाब से नौकरी दिलाने के नाम पर 3 लाख से 5 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गई है। दिखावे के लिये उनको वाट्सअप ग्रुप में जोडकर उनको नौकरी व ट्रैनिंग के सम्बन्ध में दिशा निर्देश दिये गये तथा नियुक्ति पत्र जारी किये गये। जिन युवक युवतियों ने अभियुक्त पर नौकरी नही दिलाने पर दबाब बनाया उनको सैलरी के नाम पर 15 हजार से 18 हजार रुपये महीने के हिसाब से वेतन भी दिया गया। अपराधियों के झाँसे में बेरोजगारो की अधिक संख्या हो जाने पर उनके द्वारा दो चरणों में देहरादून में वन विभाग की ट्रेनिंग भी दिलायी गयी। गिरफ्तार अभियुक्त से पूछताछ में उसके साथी की जानकारी कर एक अन्य अभियुक्त विक्की सिंह राणा पुत्र धनवीर सिंह राणा निवासी 20 अमकोटी, पौड़ी गढ़वाल हाल किरायेदार मनीष लेखवार, निकट चिल्ड्रन पब्लिक स्कूल ढ़ालवाला, थाना मुनि की रेती, जनपद टिहरी गढ़वाल को ढालवाला, ऋषिकेश से गिरफ्तार किया गया। अभियुक्त विक्की सिंह राणा ने पूछताछ में बताया कि वह तथा सुमितानन्द भट्ट स्वंय को बेरोजगार युवक युवतियों के समक्ष अपना प्रभाव छोड़ने के लिए स्वंय को वन विभाग में प्रमुख वन संरक्षक व सहायक वन संरक्षक बनकर अपना प्रभाव डालते थे। यहां तक की इन्होने अपनी गाडियों के लिये भी नेम प्लेट भी बनायी है, बरामद नेम प्लेट में वन विभाग का लोगो व एसीए मुख्यालय देहरादून लिखा है। गाडी की इस नेम प्लेट का प्रयोग अपराधीगण गढ़वाल परिक्षेत्र के पहाड़ी जिलों में आम जनता में अपना रुतबा डालने व भर्ती के नाम पर ठगी करने के लिए करते थे। अभियुक्तो द्वारा अपने इस कृत्य में अन्य अभियुक्तों के संलिप्त रहने तथा अब तक दर्जनों बेरोजगार युवक युवतियों से नौकरी के नाम पर ठगी कर 25 लाख रुपये से अधिक की धोखाधड़ी करना स्वीकार किया है। जिस सम्बन्ध में विवेचना प्रचिलित है एंव अग्रेत्तर कार्यवाही की जा रही है। अभियुक्तगणों को माननीय न्यायालय में पेश कर न्यायालय के आदेशानुसार जिला कारागार देहरादून में भेज दिया गया है ।

गिरफ्तार अभियुक्तगण
1.सुमितानन्द भट्ट पुत्र सीताराम भट्ट निवासी ग्राम ककोला पो0ऑ0 परकंडी, रुद्रप्रयाग जनपद रुद्रप्रयाग, हाल किरायेदार विपुल वर्मा पुत्र श्री महेन्द्र सिंह निवासी अजबपुर खुर्द, थाना नेहरु कालोनी, जिला देहरादून, उम्र- 25 वर्ष।
2- विक्की सिंह राणा पुत्र धनवीर सिंह राणा निवासी 20 अमकोटी, पौड़ी गढ़वाल हाल किरायेदार मनीष लेखवार, निकट चिल्ड्रन पब्लिक स्कूल ढ़ालवाला, थाना मुनि की रेती, जनपद टिहरी गढ़वाल, उम्र लगभग- 29 वर्ष।

बरामद माल का विवरण
मोबाईल फोन, लैपटाप, नेम प्लेट, एटीएम कार्ड, चैक बुक, वन विभाग में नियुक्ति सम्बन्धित फर्जी दस्तावेज, डोंगल, रबर मुहर वन विभाग उत्तराखण्ड सरकार व उत्तराखण्ड पावर कार्पोरेशन, कैमरा आदि।

पुलिस टीम
अंकुश मिश्रा पुलिस उपाधीक्षक साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन, निरीक्षक पंकज पोखरियाल, उपनिरीक्षक राजेश ध्यानी, मुख्य आरक्षी प्रो सुरेश कुमार, आरक्षी श्रवण कुमार, आरक्षी मुहम्मद उस्मान, आरक्षी आकाश कौशिक, आरक्षी चालक सुरेन्द्र कुमार, आरक्षी चालक कुलदीप रौतेला।



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