गढ़वाली में बोल मोदी ने बनाया अपना दिवाना




बाबा केदार कु आशीर्वाद सभी पर बन्यंू रह इनहि कामना छ मेरी
एक बार फिर बाबा ने मुझे बुलाया: मोदी
आनन्द गोस्वामी, रुद्रप्रयाग। जय-जय केदार भोले बाबा के उद्घोषों के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केदारनाथ में अपने सम्बोधन की बाबा के दर्शन बाद शुरूआत की। प्रधानमंत्री ने गढ़वाली से अपने भाषण की शुरूआत कर सभी को अपना दीवाना बना लिया। उन्होंने लोक भाषा गढ़वाली में कहा कि देवभूमि उत्तराखंड के सभी भाई बहनों तै मेरु सादर नमस्कार। बाबा केदार कु आशीर्वाद सभी पर बन्यंू रह इनहि कामना छ मेरी। उन्होंने देश और दुनिया में फैले हुए सभी भाई बंधुओं को केदारनाथ की पवित्र धरती से शुभकामनाएं दी।
शुक्रवार को देश के प्रधानमंत्री बाबा भोले के दरबार केदारनाथ पहुंचे, जहां उन्होंने पहली बार जनसमुदाय को संबोधित किया। इससे पहले पीएम मोदी तीन मई को बाबा के कपाट खुलने के अवसर पर केदारपुरी पहुंचे थे। उस दौरान उन्होंने जनता को संबोधन नहीं किया, मगर इस बार उन्होंने आधे घंटे तक जनता को संबोधित किया। उन्होंने उपस्थित श्रद्धालुओं को दीपावली की शुभकामनाएं दी और कहा कि एक बार फिर बाबा ने मुझे बुलाया है। बाबा के चरणों में खिंचा चला आया हूँ। आज मुझे पुराने लोग मिल गए। उन्होंने जो कुछ मेरे विषय में सुना होगा, अब वह मुझे पुनः स्मरण करा रहे थे। कभी गरूडचट्टी में जीवन के महत्वपूर्ण पल बिताने का मौका मिला। वो पल था जब इस मिट्टी में रम गया था, लेकिन शायद बाबा कि इच्छा नहीं थी कि मैं उसके चरणों में जीवन व्यतीत करूँ। बाबा ने मुझे यहां से वापस भेज दिया। शायद बाबा ने तय किया होगा कि एक बाबा सवा सौ करोड़ बाबाओं की सेवा करे। हमारे यहां तो कहा ही गया है जन सेवा ही प्रभु सेवा है, इसलिए आज मेरे लिए सवा सौ करोड़ देश वासियों की सेवा बाबा की सेवा है। बदरी विशाल की सेवा है। यही मंदाकिनी की सेवा है। यही गंगा मां की सेवा है। उन्होंने कहा कि गुजरात जैसे कई राज्यों में दिवाली से नववर्ष प्रारम्भ होता है। अपने सम्बोधन में प्रधानमंत्री ने कहा की गरुड़चट्टी में उन्हें जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष व्यतीत करने का मौका मिला। केदारबाबा की इच्छा यही थी की बाबा के चरणो में कुछ व्यतीत किया जय। बाबा ने केदार धाम से वापिस सवा सौ करोड़ देशवासियों की सेवा के लिय भेजा है। कहा कि धाम से संकल्प लेकर भारत को विकास की नयी ऊँचाईयों पर पहुंचाया जाएगा। उन्होंने देवभूमि में 2013 की आपदा से जो शिकार हुए थे, उनकी आत्माओं की श्रधापूर्वक श्रद्धांजली दी। कहा कि केदारनाथ में पर्यावरण के अनुकूल पुनर्निर्माण विकास कार्य किए जाएंगे। आवासीय पुरोहितों के लिए थ्री इन वन मकान निर्मित किए जाएंगे। सबसे निचले स्तर पर यात्री के लिए बीच में पुरोहित स्वयं तथा सबसे ऊपर पुरोहितों के यजमान, मेहमान के लिए व्यवस्था रहेगी। इन आवास में 24 घंटे बिजली, पानी व स्वच्छता का प्रबन्ध रहेगा। केदारनाथ के मुख्य मार्ग का चैड़ीकरण किया जाएगा। मुख्य मार्ग में आर सीसी, विद्युतीकरण व आधुनिक व्यवस्था से लेस किया जाएगा। मंदाकिनी नदी में बाढ़ सुरक्षा का पुनर्निर्माण कार्य इस प्रकार से किया जाएगा की बैठने की व्यवस्था हो तथा यात्री कल-कल की ध्वनि का अनुभव कर सके। आदि गुरु शंकराचार्य का भव्य दिव्य समाधि स्थल निर्मित किया जाएगा जो केदार धाम से अलग अनुभव न करे, लेकिन यात्री समाधि स्थल में जाते ही आध्यात्मिक चेतना की अनुभूति करें। उन्होंने पुनर्निर्माण कार्य के लिये अन्य राज्य सरकार, उद्योग, व्यापार जगत को हाथ बंटाने के लिए निमंत्रण दिया। बीस मिनट तक की भोले की पूजा
सैनिकों के साथ दिवाली मनाने के बाद दूसरे ही दिन शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी केदारनाथ धाम पहुंचे। पीएम ने यहां मंदिर के गर्भ गृह में पूरे विधि-विधान से रुद्राभिषेक किया। मंत्रोच्चार के बीच मोदी ने जल, घी, शक्कर, शहद, भस्म, फलों के रस, काले तिल, केसर, हल्दी आदि से भगवान का अभिषेक किया। पीएम ने मंदिर में करीब 20 मिनट तक पूजा-अर्चना की। इसके बाद उन्होंने मंदिर की परिक्रमा भी की।
सात सौ करोड़ की पांच योजनाओं का शिलान्यास
देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के केदारपुरी पहुंचने पर पूरा हिमालय मोदी के जयकारों से गुंजायमान हो उठा। उन्होंने बाबा की पूजा-अर्चना के बाद केदारपुरी को विकसित करने के लिए पांच योजनाओं का शिलान्यास किया, जिनमें केदारनाथ धाम में मंदाकिनी नदी पर बाढ़ सुरक्षा एवं घाट निर्माण, सरस्वती नदी पर बाढ़ सुरक्षा एवं घाट निर्माण कार्य, तीर्थ पुरोहितों के आवासीय भवनों का निर्माण, आदि गुरू शंकराचार्य कुटीर एवं संग्रहालय का निर्माण, मंदिर परिसर पहुंचने के मुख्य मार्ग के चैड़ीकरण एवं सौन्दर्यीकरण का कार्य शामिल हैं। इन सभी योजनाओं की लागत करीब सात सौ करोड़ है, जिनकी आधारशिला पीएम मोदी ने रखी।



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