उत्तराखंड के नैन सिंह रावत को गूगल ने दी अपनी श्रद्धांजलि




नवीन चौहान, हरिद्वार।

गूगल ने उत्तराखण्ड के नैन सिंह रावत को बडा सम्मान दिया है। गूगल ने नैन सिंह रावत को उनकी 187 वीं जयंती पर अपनी साइट पर स्थान देकर श्रद्वा सुमन अर्पित किये है। वहीं नैन सिंह के कारण पूरी दुनिया में उत्तराखंड का गौरव बढाया है। नैन सिंह ने 19वीं शताब्दी में अंग्रेजों के लिए हिमालय के क्षेत्रों की खोजबीन की थी। नैन सिंह के नाम पर बिना किसी आधुनिक उपकरण के पूरे तिब्बत का नक्शा तैयार का कीर्तिमान दर्ज है।
उत्तराखंड के कुमांयू, पिथौरागढ जिले के मुंस्यारी तहसील के मिलम गांव में नैन सिंह रावत का जन्म हुआ था। नैन सिंह रावत ने नेपाल से होते हुए तिब्बत जाने तक के व्यापारिक मार्ग का नक्शा तैयार किया था। साथ ही उन्होंने सबसे पहले ल्हासा की स्थिति तथा ऊंचाई ज्ञात की और तिब्बत से बहने वाली मुख्य नदी त्संगपो के बहुत बड़े भाग का मानचित्र भी तैयार किया था। 21 अक्टूबर 1830 को जन्मे नैन सिंह ने मात्र 52 साल की आयु में 1 फरवरी 1882 को इस नष्वर संसार से अंतिम विदाई ले ली थी। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही हासिल की थी, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण जल्द ही पिता के साथ भारत और तिब्बत के बीच चलने वाले पारंपरिक व्यापार से जुड़ गए थे। इससे उन्हें अपने पिता के साथ तिब्बत के कई स्थानों पर जाने और समझने का मौका मिला। नैन सिंह रावत ने व्यापार के कारण तिब्बती भाषा सीखी। इस भाषा ज्ञान के कारण उन्हें आगे काफी मदद मिली। हिन्दी और तिब्बती के अलावा उन्हें फारसी और अंग्रेजी का भी अच्छा ज्ञान था। इस महान अन्वेषक, सर्वेक्षक और मानचित्रकार ने अपनी यात्राओं की डायरियां भी तैयार की थीं।



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