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करियर विशेषज्ञ एवं शोभित विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ अभिषेक कुमार डबास ने प्रबंधन के क्षेत्र में अपना भविष्य तलाशने वाले छात्र-छात्राओं के लिए जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि तेजी से बदलती व्यापारिक दुनिया में, एमबीए (मास्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन) एक लोकप्रिय और महत्वपूर्ण शैक्षिक विकल्प बन गया है। यह डिग्री न केवल उच्चतम प्रबंधकीय पदों पर पहुंचने का मार्ग प्रशस्त करती है, बल्कि विभिन्न उद्योगों में विशेषज्ञता हासिल करने का भी अवसर देती है।
डॉ डबास ने बताया कि पारंपरिक एमबीए प्रोग्राम के साथ-साथ अब कई नई स्पेशलाइजेशन भी उभर कर सामने आई हैं जो छात्रों की पहली पसंद बनती जा रही हैं। इनमें एग्री बिजनेस मैनेजमेंट, फार्मास्यूटिकल मैनेजमेंट, सप्लाई चैन मैनेजमेंट, डिजिटल मार्केटिंग और बिजनेस एनालिटिक्स प्रमुख हैं। ये सभी स्पेशलाइजेशन भारत के प्रमुख प्रबंधन शिक्षण संस्थानों में उपलब्ध हैं, जिनमें सभी आईआईएम एवं पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ स्थित सबसे पुराने प्रबंधन संस्थान नाइस स्कूल ऑफ बिजनेस स्टडीज, शोभित विश्वविद्यालय, मेरठ भी शामिल हैं। यहाँ पर जाकर छात्र अपनी इन सभी स्पेशलाइजेशन का चुनाव कर सकते हैं।
एग्री बिजनेस मैनेजमेंट:
कृषि आधारित अर्थव्यवस्था वाले देशों में एग्री बिजनेस मैनेजमेंट की मांग तेजी से बढ़ रही है। इस स्पेशलाइजेशन के तहत छात्र कृषि उत्पादों के उत्पादन, विपणन, और वितरण से जुड़े प्रबंधन के पहलुओं को सीखते हैं। इसमें आधुनिक कृषि तकनीक, फसल प्रबंधन, और खाद्य सुरक्षा जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल होते हैं। इस क्षेत्र में प्रशिक्षित पेशेवरों की आवश्यकता कृषि व्यवसायों, सरकारी संगठनों और गैर-सरकारी संगठनों में तेजी से बढ़ रही है।
फार्मास्यूटिकल मैनेजमेंट:
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में फार्मास्यूटिकल मैनेजमेंट एक प्रमुख स्पेशलाइजेशन के रूप में उभर कर आया है। यह स्पेशलाइजेशन फार्मास्यूटिकल उद्योग में विपणन, बिक्री, और प्रोडक्ट मैनेजमेंट के विभिन्न पहलुओं को कवर करता है। छात्र दवा कंपनियों के प्रबंधन, नियामक मामलों, और नैतिक विपणन रणनीतियों के बारे में गहन ज्ञान प्राप्त करते हैं। इस क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल करने वाले पेशेवर दवा कंपनियों, अस्पतालों, और रिसर्च संगठनों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सप्लाई चैन मैनेजमेंट:
व्यवसायों की सफलता में सप्लाई चैन मैनेजमेंट की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होती है। यह स्पेशलाइजेशन उत्पादों की आपूर्ति श्रृंखला के सभी चरणों – उत्पाद की योजना, खरीद, उत्पादन, वितरण, और ग्राहक सेवा – का प्रबंधन करना सिखाता है। छात्रों को लॉजिस्टिक्स, इन्वेंटरी मैनेजमेंट, और सप्लाई चैन ऑप्टिमाइजेशन के बारे में विस्तृत जानकारी मिलती है। सप्लाई चैन मैनेजमेंट विशेषज्ञों की मांग विभिन्न उद्योगों में तेजी से बढ़ रही है, विशेषकर ई-कॉमर्स और मैन्युफैक्चरिंग में।
डिजिटल मार्केटिंग:
डिजिटल युग में मार्केटिंग के तरीके भी बदल रहे हैं। डिजिटल मार्केटिंग स्पेशलाइजेशन छात्रों को ऑनलाइन मार्केटिंग, सोशल मीडिया रणनीति, सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन और डेटा एनालिटिक्स के क्षेत्रों में प्रशिक्षित करता है। इसमें ईमेल मार्केटिंग, कंटेंट मार्केटिंग, और डिजिटल विज्ञापन जैसे महत्वपूर्ण विषय शामिल होते हैं। डिजिटल मार्केटिंग विशेषज्ञों की आवश्यकता स्टार्टअप्स, बड़ी कंपनियों, और डिजिटल एजेंसियों में बहुत अधिक है।
बिजनेस एनालिटिक्स:
बिजनेस एनालिटिक्स स्पेशलाइजेशन तेजी से एक अत्यधिक मांग वाली फील्ड बन गई है। यह स्पेशलाइजेशन डेटा संग्रह, विश्लेषण, और डेटा-संचालित निर्णय लेने पर केंद्रित है। छात्र डेटा माइनिंग, सांख्यिकीय विश्लेषण, और प्रेडिक्टिव एनालिटिक्स जैसे विषयों में विशेषज्ञता प्राप्त करते हैं। बिजनेस एनालिटिक्स में विशेषज्ञ पेशेवर विभिन्न उद्योगों में डेटा एनालिस्ट, बिजनेस कंसल्टेंट और डेटा साइंटिस्ट के रूप में महत्वपूर्ण भूमिकाएं निभाते हैं।
निष्कर्ष:
एमबीए की विभिन्न नई स्पेशलाइजेशन न केवल छात्रों को उनके रुचि और करियर के लक्ष्यों के अनुसार अपने शैक्षिक पथ को चुनने का मौका देती हैं, बल्कि उन्हें वैश्विक व्यापारिक माहौल में प्रतिस्पर्धी बनने में भी मदद करती हैं। इन स्पेशलाइजेशन के माध्यम से छात्र न केवल विशेष क्षेत्रों में गहन ज्ञान और कौशल प्राप्त करते हैं, बल्कि उन्हें उद्योग की आवश्यकताओं और ट्रेंड्स के अनुसार खुद को तैयार करने का भी अवसर मिलता है। इन नई स्पेशलाइजेशन के साथ, एमबीए डिग्री का महत्व और भी बढ़ गया है, और यह छात्रों के लिए एक आकर्षक और फायदेमंद करियर विकल्प बन चुकी है।