विक्टोरिया क्रास गबर सिंह नेगी के नाम पर स्थापित हो नया विश्वविद्यालयः कुलपति डा. ध्यानी




नवीन चौहान.
आज से तीन दिवसीय शहीद वीसी गबर सिंह नेगी मेला, चम्बा, टिहरी गढ़वाल में शुरू हो चुका है, जिसमें श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय एवं वीर माधो सिंह भण्डारी उत्तराखण्ड प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति डा. पीताम्बर प्रसाद ध्यानी व श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के अधिकारियों और शहीद वीसी गबर सिंह नेगी मेला समिति के पदाधिकारियों ने चम्बा स्थित गबर सिंह स्मारक’ में पहुंच कर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया।
इस दौरान प्रथम विश्वयुद्ध के महानायक विक्टोरिया क्रास गबर सिंह नेगी को हार्दिक पुष्पांजली और श्रृदांजली अर्पित की गई। इसके बाद श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय और शहीद गबर सिंह नेगी मेला समिति ने सयुंक्त रूप से आर्दश होटल चम्बा में, कोविड 19 गाइडलाइन का पूर्ण पालन सुनिश्चित करते हुये ’प्रथम गबर सिंह नेगी स्मृति व्याख्यान’ का सूक्ष्मरूपेण आयोजन किया, जिसमें इन्द्र सिंह नेगी, जो शहीद गबर सिंह नेगी के सगे भतीजे हैं, ने मुख्य वक्ता के रूप में प्रतिभाग किया और ’प्रथम गबर सिंह नेगी स्मृति व्याख्यान’ दिया। श्री नेगी ने अपने व्याख्यान में शहीद विक्टोरिया क्रास गबर सिंह नेगी के व्यक्तित्व व कृतित्व से सभी प्रतिभागियों को अवगत कराया। उन्होने कहा कि वीर गबर सिंह नेगी प्रथम विश्व युद्ध के महानायक थे जिन्होने प्रथम विश्व युद्ध में अपना अद्भूत शौर्य और पराक्रम का प्रदर्शन किया और अपने प्राणों की आहुति देकर सर्वोच्च बलिदान दिया, उन्हे ब्रिटिश सेना के सर्वोच्च सम्मान ’’ विक्टोरिया क्रास’’ से सम्मानित किया गया। उनके अद्भूत पराक्रम और शौर्य ने अपनी मातृभूमि को पूरे विश्व में गौरवान्वित किया। श्री नेगी जी ने यह भी अवगत कराया कि आज हमारे जवान सैन्य प्रशिक्षण के बाद लैन्सडाउन में गबर सिंह नेगी जी की प्रतिमा के नीचे देश सेवा की शपथ लेते हैं, और आज हम भी शपथ लेते है कि उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्वों को ओर चीर-स्थाई बनायेंगेे।

कुलपति डा. ध्यानी ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी महानुभावों का श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय की ओर से स्वागत किया, विशेष रूप से ’’शहीद गबर सिंह नेगी मेला समिति ’’ का जिन्होने संयुक्त रूप से ’’गबर सिंह नेगी स्मृति व्याख्यान’’ आयोजित करने की पूर्ण सहमति दी। डा. ध्यानी ने अपने सार-गर्भित उद्बोधन में कहा कि शहीद गबर सिंह नेगी मेले की शुरूआत चम्बा से पिछले लगभग 96 वर्ष पूर्व हुयी थी। यह गढ़वाल का एक ऐताहसिक मेला है। उन्होने कहा कि आज हम वीर गबर सिंह नेगी जी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से गौरवान्वित होते है, और हमारे युवाओं को प्रथम विश्व युद्ध के इस महानायक के जीवन से निरन्तर प्रेरणा लेनी चाहिए।
डा. ध्यानी ने कहा कि उन्होने एक साल पहले कुलपति, श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के पद के रूप में कार्यभार ग्रहण करने के बाद शहीद गबर सिंह नेगी की जन्मस्थली ’’मज्यूड गंाव’’ का भ्रमण किया था। गांव में जाकर उन्होने निर्णय लिया था कि वे शहीद विक्टोरिया क्रास गबर सिंह नेगी के व्यक्तित्व एवं कृतित्व को और चिर स्थाई बनाने में कोई कोर कसर नही छोडंेगे। उन्होने श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के सेमिनार हाल का नाम ’’विक्टोरिया क्रास गबर सिंह नेगी मेमोरियल हाल’’ कर दिया, और उनके व्यक्तित्व एंव कृतित्व को और चीर स्थाई बनाने के लिये विश्वविद्यालय के स्नातक पाठ्यक्रम में शमिल करने हेतु एक समिति भी गठित कर दी। उन्होने कहा कि आज से ’’ विक्टोरिया क्रास गबर सिंह नेगी स्मृति व्याख्यान’’ की शुरूआत भी हो चुकी है। अब इस व्याख्यान को विश्वविद्यालय ’’गबर सिंह मेला समिति’’ के साथ समन्वय कर, संयुक्त रूप से, हर वर्ष आयोजित करेगा। डा0 ध्यानी ने यह बताकर प्रसन्नता जाहिर की कि उन्होने 42 वर्ष की सेवा, उत्तर प्रदेश, भारत सरकार और उत्तराखण्ड में की। लेकिन जो आत्म सन्तोष उन्हे टिहरी गढ़वाल के 02 महान सपूतों, श्रीदेव सुमन और वीर गबर सिंह नेगी की जन्मस्थली में मिलता है, वैसा उन्हे पहले कभी अनुभव नही हुआ। डा. ध्यानी ने यह भी कहा कि उनका परम सौभाग्य है कि वे टिहरी जनपद के मूल निवासी हैं और आज वे टिहरी गढ़वाल के 02 महान सपूतों के नाम पर उत्तराखण्ड में स्थापित दो विश्वविद्यालयों (श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय और वीर माधो सिंह भण्डारी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय) के कुलपति हैं, और अपने दायित्वों का पूर्ण रूपेण बेहद ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा से निर्वहन कर रहे हैं। डा. ध्यानी ने अपने दो सुझावों से सभी को अवगत कराया और कहा कि उन्हे उम्मीद है कि राज्य सरकार उनके सुझाव पर जरूर विचार करेगी –

  1. विक्टोरिया क्रास गबर सिंह नेगी की जन्म स्थली ’’मज्यूड गांव’’ में सडक का निर्माण हो और उनके पैत्रिक घर का संरक्षण।
  2. विक्टोरिया क्रास गबर सिंह नेगी के नाम पर राज्य में एक विश्वविद्यालय स्थापित हो, जिसका मुख्य फोकस सैन्य शिक्षा और सुरक्षा प्रबन्धन हो।
    स्मृति व्याख्यान समारोह कार्यक्रम में विधायक टिहरी, डा. धन सिंह नेगी ने टिहरी में हो रहे विकासात्मक कार्यो की जानकारी दी, विशेष रूप से शहीद वीसी गबर सिंह नेगी के नाम पर उन्होने कहा कि गबर सिंह नेगी मेला राजकीय मेला घोषित हो चुका है, अतः अग्रिम समय में यह भव्य रूप से चम्बा में आयोजित होगा। उन्होने कुलपति डा. ध्यानी के सुझाव पर पूर्ण सहमति दी और कहा कि वे राज्य सरकार को शहीद विक्टोरिया क्रास गबर सिंह नेगी के नाम पर राज्य में नया विश्वविद्यालय स्थापित करने का प्रस्ताव भेजंेगे।
    कार्यक्रम के मुख्य अतिथि मंत्री, सैनिक कल्याण एंव औघोगिक विकास, गणेश जोशी ने मेला समिति और विश्वविद्यालय को इस सूक्ष्म कार्यक्रम को, कोविड नियमों के अन्तर्गत, करने पर धन्यवाद दिया। उन्होने कहा कि सैनिक कल्याण के लिये और शहीद वीर सैनिकों के नाम पर, राज्य सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण कार्य किये गये हैं और किये जा रहे है। चम्बा सुरंग का नाम विक्टोरिया क्रास गबर सिंह नेगी के नाम पर, और ’’मज्यूड गांव’’ में संग्राहलय का कार्य भी शीघ्रतीशीघ्र पूर्ण कर लिया जायेगा।
    कार्यक्रम के अन्त में मज्यूड गांव की महिलाओं और छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया और कुलपति डा0 ध्यानी द्वारा उन्हे सम्मानित किया गया। कार्यक्रम का संचालन डा0 हेमन्त बिष्ट और रघु भाई जडधारी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया, जिसमें इन्द्र सिंह नेगी, अध्यक्ष मेला समिति, देव सिंह पुण्डीर, अध्यक्ष पूर्व सैनिक कल्याण एसोसिएशन, टिहरी, आनन्द सिंह नेगी, सोमवारी लाल सकलानी, संजय बहुगुणा, शक्ति प्रसाद जोशी, कमल सिंह नेगी, कुलसचिव डा0 एम0एस0रावत, उपकुलसचिव खेमराज भट्ट, बी0एल0आर्य, सहायक कुलसचिव हेमराज चौहान, कुलदीप सिंह नेगी, राहुल सजवाण, तेजप्रकाश, अर्जुन एवं चम्बा, टिहरी और बादशाहीथौल के गण-मान्य व्यक्ति आदि उपस्थित रहे।


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