नवीन चौहान
भारत की जनता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मन की बात सुनकर पूरी तरह से बोर हो चुकी है। रात के ठीक आठ बजे उनका टीवी पर आना लोगों के दिलों की धड़कने बढ़ा देता है। कभी नोटबंदी तो कभी लॉकडाउन जैसे कारनामे मोदी कर चुके है। मोदी जी का टीवी पर आना और भाईयों बहनों का संबोधन करना किसी खतरे की घंटी से कम नही है।
लेकिन विगत छह सालों की हकीकत यह है कि जनता अब मोदी जी से पूरी तरह से उकता चुकी है। जनता को लगने लगा है कि वह अपने मन की बात तो करते है लेकिन कभी जनता के दर्द को नहीं समझते है। जनता यहां तक कहने लगी है कि कभी हमारे मन की बात भी सुन लो जी। आखिरकार आप प्रधान सेवक ही तो हैं। जनता चाहती है कि राज्य सरकार जो कदम उठा रही है उसमें आम जनता के हितों का पूरी तरह ध्यान रखा जाए। व्यापारी चाहता है कि उसे कुछ तो राहत दी जाए। कोरोना काल में पैकेज की बात केंद्र सरकार ने कही लेकिन यह राहत छोटे व्यापारियों को नहीं मिली। व्यापारियों को किसी तरह के टैक्स में छूट नहीं दी गई। कम से कम दुकानों के बिजली के बिलों में ही छूट दिला दी होती। यही नहीं जीएसटी और अन्य देयों में भी व्यापारी को छूट नहीं दी गई। मुफ्त राशन बांटा गया लेकिन अपनी दुकानें बंद कर घर बैठे व्यापारी को उसका भी लाभ नहीं मिला। व्यापारी ने अपने कर्मचारियों का ध्यान रखा लेकिन सरकार ने व्यापारियों का ध्यान नहीं रखा। इस समय भी दो बजे तक ही बाजार खोलने की अनुमति है। व्यापारियों का कहना है कि आधा दिन बाजार खुलने से व्यापारियों का भला होने वाला नहीं है। कोई ऐसी ठोस योजना बननी चाहिए जिससे कोरोना संक्रमण भी रूके और व्यापार भी प्रभावित न हो। वहीं कुछ लोग विपक्ष के नेता राहुल गांधी को भी कोस रहे हैं। लोगों का कहना है कि विपक्षी नेता केंद्र सरकार को सही मुददों पर नहीं घेरती, वह ऐसे मुददे उठाते हैं जिनका आम आदमी से कोई सरोकार नहीं होता, वह भी केवल राजनीतिक बयानबाजी करते हैं, जनता का दर्द वह भी नहीं समझते।
लोगों का कहना है कि यह बात सही है कोरोना से बचाव ही उपाय है, हमें स्वयं ही इसके प्रति सावधानी बरतनी होगी, इसके लिए सरकार को ठोस नीत और कड़े नियम बनानकर उनका पालन कराना होगा। लोगों को भी स्वयं जागरूक होकर इस महामारी से मुकाबला करना होगा। लोगों के दिल में जो डर है उसे बाहर निकालना होगा।