डीजी एलओ अशोक कुमार का आप्रेशन मुक्ति सफल, संवरेंगा बचपन




नवीन चौहान
पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था अशोक कुमार का आप्रेशन मुक्ति चलाने का अभिनव प्रयोग पूरी तरह से सफल रहा है। आप्रेशन की सफलता का श्रेय हरिद्वार पुलिस के एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस सहित इस टीम से जुड़े तमाम सदस्यों को है, जिन्होंंने गरीब बच्चों को भिक्षावृत्ति के मार्ग से हटाकर शिक्षा के मंदिर तक पहुंचाने का कार्य किया है। दिन—रात अथक प्रयास किए। गरीब अभिभावकों को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रेरित किया। पुलिस का कार्य इन तमाम बच्चों को स्कूल भेजने तक ही सीमित नही रहना चाहिए। अपितु इन बच्चों की शिक्षा की मानीटरिंग भी जानी चाहिए। इन परिवारों के आर्थिक हालातों पर भी नजर बनाकर रखी जाए। तभी पुलिस के इस आप्रेशन को पूर्ण सफलता मिलेगी। फिलहाल आप्रेशन मुक्ति की टीम ने करीब 200 बच्चों का स्कूल तक पहुंचाया है। जबकि करीब 150 नौनिहालों को स्कूल भेजने की कवायद जारी है। वेब सिनेमा के माध्यम से एक शार्ट फिल्म के जरिए भी बच्चों को भिक्षा नही शिक्षा के लिए प्रेरित किया गया।
मानवीय संवदेनाओं से ओतप्रोत पुलिस महानिदेशक कानून एवं व्यवस्था अशोक कुमार ने मित्रता सेवा और सुरक्षा के स्लोगन को चरितार्थ करने के लिए पुलिस महकमे में आप्रेशन मुक्ति का एक अभिनव प्रयोग किया। गरीब बेसहारा बच्चों को भिक्षावृत्ति के मार्ग से हटाकर शिक्षा के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करने की पहल की। जिसके लिए पूरे उत्तराखंड पुलिस में एक मुहिम शुरू की गई। बाकायदा इस मिशन को आप्रेशन मुक्ति का नाम दिया गया। आप्रेशन को सफल बनाने के लिए पुलिस टीम गठित की गई। देहरादून जनपद में आप्रेशन मुक्ति सफल रहा तो हरिद्वार जनपद में शुरू किया गया। हरिद्वार एसएसपी सेंथिल अबुदई कृष्णराज एस ने एक काबिल अफसरों की टीम गठित की तथा आप्रेशन मुक्ति की नोडल अधिकारी एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय को इस टीम का दायित्व सौंपा। एसपी सिटी कमलेश उपाध्याय ने सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह को दिशा निर्देश दिए तथा उनको इस मिशन को पूरा करने के लिए पूरी कार्य योजना तैयार की गई। जिसके बाद सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह ने आप्रेशन मुक्ति की सफलता के लिए कार्य करना शुरू किया।
सीओ सिटी अभय प्रताप सिंह ने पूरी संजीदगी  साथ इस मिशन को पूरी तरह से सफल बनाने में पूरी ताकत झोंक दी। जिसका नतीजा ये रहा कि करीब 200 बच्चों ने पहली बार स्कूल का दरवाजा देखा और किताबों और खेलकूद के महत्व को समझा। फिलहाल तो बच्चों को उनका बचपन लौटाने के लिए प्रयास किए जा रहे है। बच्चों को कैरम, फुटबाल, क्रिकेट और खो—खो, बैडमिंटन जैसी तमाम खेलकूद की गतिविधियों में लगाया हुआ है। जिससे बच्चों को अपना दूसरा जीवन दिखाई देने लगा है। बच्चों को नमस्ते, प्रणाम और आदर सत्कार की सामान्य बातचीत की भाषा सिखलाई जा रही है।
बच्चों को खड़े होकर अपने से बड़ों को सम्मान देने की प्रवृत्ति उनके आचरण में परिवर्तित की जा रही है। इसके अलावा किसी भी अच्छी बात पर तालियां बजाकर उत्साहबद्धन करना जैसी सामान्य तरीके सिखलाए जा रहे है। बच्चे बेहद खुश है और उनके अभिभावकों की आंखों में चकम दिखलाई दे रही है। हालांकि पुलिस आप्रेशन मुक्ति को सफल बनाने के साथ—साथ बच्चों के उस मानवीय दृष्टिकोण से भी परिचित हो रही है। जिससे बच्चे अंजान थे।
बच्चों के जीवन में रोशनी की किरण
विगत दो माह के अंतिम सप्ताह में चल रहे इस मिशन में कई बच्चों को जीवन की नई राह दिखलाने का मार्ग प्रशस्त होता नजर आ रहा है। आप्रेशन मुक्ति की टीम ने विगत दो महीने में अथक प्रयासों के बाद कई गरीब को शिक्षा के मंदिर अर्थात स्कूलों में प्रवेश कराया है। आप्रेशन मुक्ति की टीम ने 63 बच्चों का एडमिशन ऋषि बाल विद्वालय निर्धन निकेतन खड़खड़ी हरिद्वार में कराया गया है। जबकि कलियर क्षेत्र से 16 बच्चों को स्कूल भेजा गया है। कलियर क्षेत्र के ही 61 बच्चों का टिबड़ी और ऋषिकुल क्षेत्र से 17 बच्चों का व रोड़ीबेलवाला क्षेत्र से 57 बच्चों का दाखिला विभिन्न स्कूलों में कराया गया है। आप्रेशन मुक्ति की टीम ने वर्तमान में 200 बच्चों के जीवन में नया प्रकाश का दीप प्रज्जवलित किया है।
आप्रेशन मुक्ति की टीम
आप्रेशन मुक्ति के अभियान को सफल बनाने की मुहिम में निरीक्षक पीसी मठपाल, उप निरीक्षक भवानी शंकर पंत,उप निरीक्षक नंद किशोर ग्बाड़ी,महिला हेड कांस्टेबल हेमलता पांडेय, कांस्टेबल राकेश कुमार, सत्येंद्र कुमार, रजनीश, मुकेश,महिला कांस्टेबल रचना डोभाल,प्रतिभा, आराधना ने कड़ी मेहनत की। पुलिस की इस टीम का साथ हरिद्वार के कई समाजसेवी संस्थाओं ने सहयोग किया।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *