नवीन चौहान
लोक जनशक्ति पार्टी के शीर्ष नेता व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान लोकप्रिय नेताओं में शामिल रहे हैं। उन्होंने हरिद्वार लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ा था। वर्ष 1984 के आम चुनावों में जीते कांग्रेस के सुंदरलाल के निधन के बाद हरिद्वार लोकसभा सीट पर 1987 में उपचुनाव कराए गए थे। इस उपचुनाव में बसपा सुप्रीमो मायावती और लोक जनशक्ति पार्टी के शीर्ष नेता व मौजूदा केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान ने हरिद्वार से ताल ठोकी। यह वह दौर था जब बहुजन समाज पार्टी के संस्थापक कांशीराम पार्टी की जड़े मजबूत करने में जुटे हुए थे।
इस चुनाव में रामविलास पासवान बोफोर्स कांड को लेकर कांग्रेस के खिलाफ बने माहौल का हथियार लेकर चुनाव मैदान में उतरे थे। चुनाव प्रचार के दौरान मायावती व रामविलास पासवान ने पूरी ताकत लगाई। कांग्रेस को भी इन दोनों नेताओं की चुनौती बड़ी लगी, लेकिन उपचुनाव के नतीजे जब सामने आए तो कांग्रेस प्रत्याशी राम सिंह 1,49,377 मत लेकर 23,978 वोटों के अंतर से चुनाव जीत गए। मायावती दूसरे स्थान पर रही और उन्हें 1,25,399 मत मिले। रामविलास पासवान चौथे स्थान पर खिसक गए। पासवान को महज 34,225 वोट ही मिल पाए। इस उपचुनाव में यह दिलचस्प रहा कि एक निर्दलीय प्रत्याशी 39,780 मत लेकर तीसरे स्थान पर रहा। रामविलास पासवान ने इसके बाद हरिद्वार से किनारा किया और राजनीति के सफर में एक के बाद एक मंजिल हासिल करते हुए आगे बढ़ते चले गए।