गगन नामदेव
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलसचिव सुधीर बुड़ाकोटी पर आखिरकार गाज गिर गई। अपनी मनमर्जी के चलते विश्वविद्यालय की व्यवस्थाओं को ठेंगा दिखाने वाले कुलसचिव को शासन ने उच्च शिक्षा के मुख्यालय में अटैच कर दिया है। कुलपति डॉ पीपी ध्यानी की संस्तुति पर शासन ने संज्ञान लेने के बाद ये कार्रवाई की है।
बताते चले कि श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पीपी ध्यानी बेहद ही कर्तव्यनिष्ठा से कार्य करते है। पूरी ईमानदारी,पारदर्शिता और समर्पण भाव से विश्वविद्यालय में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने की कवायद में जुटे है। उनके एक साल के कार्यकाल में शैक्षिण गुणवत्ता में काफी सुधार देखने को मिला है। उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की जीरो टालरेंस की मुहिम के अनुरूप कार्य करते हुए विश्वविद्यालय को भ्रष्टाचार मुक्त रखा। विश्वविद्यालय के तमाम वित्तीय कार्यो में पूरी पारदर्शिता से संपादित किया। लेकिन विश्वविद्यालय में कार्यरत कुलसचिव सुधीर बुड़कोटी अपने कार्यो का ठीक तरीके से निर्वहन नहीं कर रहे थे। उनकी मनमर्जी से कार्य करने की आदत के चलते विश्वविद्यालय को क्षति पहुंच रही थी। कुलसचिव सुधीर बुड़कोटी ने कुलपति डॉ पीपी ध्यानी के तमाम आदेशों की अवहेलना से विश्वविद्यालय हित के तमाम कार्यो में व्यवधान उत्पन्न होने शुरू हो गए। जिसके बाद कुलपति डॉ ध्यानी ने विश्वविद्यालय के हितों को ध्यान में रखते हुए पूरा प्रकरण शासन के पटल पर भेज दिया। शासन ने कड़ी कार्रवाई करते हुए कुलसचिव को विश्वविद्यालय से कार्यमुक्त करते हुए उच्च शिक्षा के मुख्यालय में अटैच कर दिया। प्रमुख सचिव आनंद बद्र्धन के आदेशों के बाद सुधीर बुड़ाकोटी को उच्च शिक्षा विभाग के कार्यालय में अटैच करने के आदेश जारी किए है।
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