निरंजनी अखाड़े की महामंडलेश्वर बनेगी साध्वी हंसा भारती, चेहरा देखकर जीवन बताने में पारंगत





गगन नामदेव
​निरजंनी अखाड़े ने साध्वी हंसा भारती को महामंडलेश्वर बनाने की हरी झंडी दी है। निरंजनी अखाड़े के महामंडलेश्वर के तौर वह 12 अप्रैल को शाही स्नान करेंगी। निरंजनी अखाड़े के सचिव महंत रविंद्र पुरी जी महाराज ने बताया कि 11 अप्रैल को अखाड़े में पटाभिषेक कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। जहां साध्वी हंसा भारती को महामंडलेश्वर बनाया जायेगा। निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरि ही महाराज की उपस्थिति में पटाभिषेक कार्यक्रम बेहद ही भव्य होगा। जिसमें तमाम संतगण, भक्तगण और अनुयासी हिस्सा लेंगे। साध्वी हंसा भारती के शिष्य अधिवक्ता अरूण भदौरिया ने बताया कि 11 अप्रैल के पटाभिषेक कार्यक्रम की तैयारियां शुरू कर दी गई है।
साध्वी हंसा भारती का व्यक्तित्व
श्री श्री 1008 हंसा भारती जी का जन्म कर्नाटक में हुआ। धर्म अध्यात्म का माहौल परिवार से ही मिला। मां पिता पूजा पाठ में लीन रहते थे। जबकि नानाजी देवी माता के बहुत बड़े उपासक थे। नाना जी नेत्रहीन थे। लेकिन देवी मां की भक्ति के चलते उनको दिव्य शक्ति प्रदत्त थी। नाना के व्यक्तित्व के प्रभाव हंसा के जीवन पर पड़ा तो बचपन में ही इनको भी साधु महाराज कहकर पुकारा जाने लगा। नाना जी पूजा पाठ और देवी मां की साधना में अत्यंत पारंगत किया। जिसके बाद साध्वी हंसा भारती ने चारों वेद का पूर्ण ज्ञान अर्जित किया। जिसमें सामवेद में विशेष रुप से यह प्रांगत है। ज्योतिष, संगीत व संस्कृत में बहुत विशेष ज्ञान है। स्नातक की शिक्षा ग्रहण करने के बाद इनके 26 साल की आयु में कुंडली श्रृंगेरी पीठाधीश्वर श्री श्री सच्चिदानंद बालू केशवारा भारती शंकराचार्य जी से संन्यास की दीक्षा ली। समाजसेवा अद्भुत गुणों को देखते हुए राज्य सरकार कर्नाटक द्वारा डॉक्टर की उपाधि भी दी गई। दुख व परेशानी से भरे आए लोगों को उनकी समस्याओं का निराकरण कर धर्म का प्रचार प्रसार वर्तमान में कर रहे हैं। उत्तर कर्नाटक में इनका आश्रम अंबावन मठ के नाम से है।


इनके द्वारा 8 वर्ष की आयु में उपनयन संस्कार किया गया। त्रिकाल में संध्या पासन करके पंचाक्षरी और अस्थाकरी/8 महामंत्र जाप करके गायत्री punsachran करके जैसा महा उपासन करके ऋग्वेद, यजुर्वेद शिक्षण शिक्षा ली कुडली शंकर मठ में शिक्षा के क्षेत्र में एमए. पीएचडी अलौकिक की शिक्षा ग्रहण की। उसके बाद जगद्गुरु माधवाचार्य महा संस्थान पाली मार मठाधीश श्री विद्याधीश तीर्थ स्वामी जी और उनके बड़े गुरु श्री श्री 1008 विद्या मान्य तीर्थ जी के द्वारा मध्वशास्त्र के अध्ययन करके बद्रीनाथ केदारनाथ कोडाचाद्री जो कर्नाटक कि पहाड़ों में तपस्या करके जगतगुरु कुडली शंकराचार्य बालू केश्वर भारती महास्वामीजी से सन्यास ग्रहण किया।निरंजनी अखाड़े के सचिप महंत र​विंद्र पुरी महाराज ने संतोषी माता आश्रम में घोषणा करते हुए बताया कि पूज्य गुरु माता जी को श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी द्वारा महामंडलेश्वर के पद आसीन हेतु 11 अप्रैल 2021 की सुबह 10:00 बजे निरंजनी अखाड़ा छावनी में कार्यक्रम किया जा रहा है। गुरु माता जी को महामंडलेश्वर के पद पर आसीन किया जाएगा।



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