आत्मचिंतन कर लक्ष्य करें निर्धारित, फिर करें कठिन परिश्रमः कुलपति डा पीपी ध्यानी




नवीन चौहान
श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति डा पीताम्बर प्रसाद ध्यानी ने भारतीय गुणों के ध्वजवाहक, देश के सबसे बडे़ गैर सरकारी संगठन, विद्या भारती के बारे में छात्रों को विस्तृत रूप से अवगत कराया कि कैसे भारतीय गुणों से युक्त शिक्षा से हम चरित्र निर्माण, राष्ट्र निर्माण और विश्व गुरू बनने की दिशा में अग्रसर हो रहे हैं।
बृहस्पतिवार को सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज, नई टिहरी द्वारा आयोजित ’मेघावी छात्र सम्मान समारोह’ में कार्यक्रम अध्यक्ष के रूप में श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति डा पीताम्बर प्रसाद ध्यानी पहुंचे। जिसमें मेघावी छात्रों, जिन्होने शैक्षणिक सत्र 2019-20 में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, को सम्मानित किया। इस अवसर पर कुलपति डाॅ पीपी ध्यानी ने छात्रों को अवगत कराया कि कैसे आज हम अपने युवाओं के दम से एक आर्थिक शक्ति, सैन्य शक्ति, ज्ञान शक्ति और आत्म निर्भर भारत की ओर बढ़ रहे हैं। डा ध्यानी ने छात्र छात्राओं को यह भी अवगत कराया कि कैसे जीवन में सफलता प्राप्त कर आदर्श भारतीय नागरिक बन सकते है। इसमें उन्होने छात्रों को, अपने 40 वर्ष के अनुभवों के आधार पर, 7 गुणों से अवगत कराया कि हम्हें सर्वप्रथम आत्म चिन्तन कर लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए। फिर कठिन परिश्रम करना चाहिए, शि़क्षकों का सम्मान करना चाहिए, अनुशासित रहना चाहिए, हम में प्रश्न पूछने की भावना उत्पन्न होनी चाहिए, जहा प्रश्न नही वहा जिज्ञासा नहीं और जहां जिज्ञासा नही वहा ज्ञान वृद्धि नही। और, हम में प्रतिस्र्पधा की भावना होनी चाहिए, हम्हें सहभागिता से टीम के रूप में कार्य करना चाहिए। इन्हीं गुणों के आधार पर जीवन में सफलता प्राप्त की जा सकती है और मातृभूमि की वेहत्तर तरीके से सेवा की जा सकती है। कुलपति के ओजस्वी उद्बोधन से सभी छात्र व शिक्षकगण बहुत ही प्रभावित हुये। इस अवसर पर सरस्वती विद्या मन्दिर इण्टर कालेज, नई टिहरी के छात्र, शिक्षकगण, टिहरी के गणमान्य व्यक्ति, विधायक, टिहरी डा धन सिंह नेगी, विभाग प्रचारक राजपुष्प आदि उपस्थित थे।



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