Sridev Suman University ने छात्र हित में उठाया ये कदम, जानिए पूरी खबर




सोनी चौहान
श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय की एके​डमिक कौंसिल की मीटिंग में छात्र हितों को प्राथमिकता देते हुए निजी कॉलेजों से सेमेस्टर प्रणाली समाप्त करने का निर्णय किया है। राजकीय और प्राईवेट कॉलेजों में वार्षिकी परीक्षा कराने पर सहमति की गई। जिसके बाद से निजी कॉलेजों में सेमेस्टर सिस्टम खत्म कर​ दिया गया है।
बताते चले कि विश्व​विद्यालय ने राजकीय महाविद्यालयों में वार्षिक परीक्षा और स्ववित्त पोषित कॉलेजों में सेमेस्टर सिस्टम लागू किया हुआ था। इस दोहरी परीक्षा व्यवस्था को लेकर ​विश्व​विद्यालय प्रबंधन की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे थे। हालांकि इस दोहरी परीक्षा व्यवस्था से कुलपति डॉ पीपी ध्यानी असमंजस की स्थिति में थे। श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय को ऊंचाईयों पर ले जाने की योजना बना रहे नव नियुक्त कुलपति डॉ पीपी ध्यानी को निजी कॉलेजों में सेमेस्टर प्रणाली की परीक्षा कराने को लेकर और राजकीय महाविद्यालयों में वार्षिक परीक्षा कराने की चुनौती मिल गई। कुलपति डॉ पीपी ध्यानी परीक्षा व्यवस्था में एकरूपता लाने के प्रयासों में जुट गए। इसी संबंध सोमवार को कुलपति प्रो. पीपी ध्यानी की अध्यक्षता में आयोजित की गई एकैडमिक कौंसिल की बैठक में विश्व​विद्यालय से संबद्ध सभी ​निजी कॉलेजों में परीक्षा का एक जैसा सिस्टम यानि वार्षिक परीक्षा सिस्टम लागू करने को हरी झंडी दे दी गई ।

समिति ने किया समर्थन
उत्तराखंड स्ववित्त पोषित महाविद्यालय समिति के अध्यक्ष सुनील सैनी व महासचिव दीपक प्रसाद ने खुशी जाहिर की है। सुनील सैनी ने कहा कि निजी कॉलेजों के छात्रों के हितों को ध्यान में रखते हुए एकेडमिक काउंसिल की बैठक में समिति ने एक अच्छा निर्णय किया है। कुलपति डॉ पीपी ध्यानी ने राजकीय महाविद्यालय और निजी महाविद्यालयों के छात्रों को एक समान मानते हुए एक जैसी व्यवस्था प्रणाली लागू की। महासचिव दीपक प्रसाद ने एकेडमिक काउंसिल समिति का आभार व्यक्त किया। दीपक प्रसाद ने कहा कि छात्र हितों के सभी निर्णयों पर उत्तराखंड स्ववित्त पोषित महाविद्वालय समिति विश्वविद्यालय का सहयोग करेंगी।

बैठक में कुलपति प्रो. ध्यानी के अलावा एकेडमिक कौंसिल के सदस्य डा. ​बीएस बिष्ट, प्रो. आरके गुप्ता, प्रो. अशोक कुमार, प्रो.एके तिवारी, डॉ डीएस मेहरा, कुलसचिव सुधीर बुडाकोटी, डॉ आरएस चौहान, सुनील नौटियाल आदि उपस्थित रहें।



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