नवीन चौहान
धर्मनगरी में सूदखोरी का अवैध धंधा चोखा चल रहा है। 5 से 10 फीसदी ब्याज की दरों पर मजबूर लोगों को पैंसा दिया जा रहा है। इसकी एवज में महज हस्ताक्षर युक्त कोरे चैक लिए जाते है। जब पीड़ित लोन की राशि चुकाने में नाकाम रहता है तो उसे चैक वाउंस कराकर जेल भिजवाने की धमकी दी जाती है। जेल जाने के डर से कई पीड़ित पहला लोन चुकाने के लिए दूसरे सूदखोर के चंगुल में फंस जाते है। ताजा प्रकरण ज्वालापुर का है। जहां एक सूदखोर रात्रि में एक युवती के घर पहुंच गया और धमकाने लगा। युवती ने 10 हजार रूपया उधार लिया था लेकिन सूदखोर से ब्याज लगाकर 68 हजार वसूलने की धमकी दी।
हरिद्वार के ज्वालापुर, रानीपुर मोड़, कनखल, बीएचईएल और उत्तरी हरिद्वार में तमाम प्राइवेट सूदखोरों ने अपना जाल बिछा रखा रखा है। महज हस्ताक्षर युक्त चैक लेकर लोन की राशि उपलब्ध कराते है। कुछ सूदखोर छोटे दुकानदारों, रेहड़ी वालों को लोन देते है। तो कुछ बड़े कारोबारियों को धन उपलब्ध कराते है। ये गोरखधंधा चोखा चल रहा है। जिसका नेटवर्क दिन—प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। आये दिन थानों में भी सूदखोरी की रकम वसूलने को लेकर कई झगड़े पहुंचते है। हालांकि पुलिस इन मामलों में सीधा दखल देने से बचती है। लेकिन पीड़ित का चैक सूदखोरों के पास होने के चलते वह मकड़जाल में खुद को फंसा महसूस करता है। ज्वालापुर के गोल गुरूद्ववारा निवासी एक सूदखोर तो लोगों के घरों में पहुंचकर धमकी तक देता है। बताते चले कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीब जनता को इन सूदखोरों के चंगुल से निजात दिलाने के लिए ही मुद्रा योजना लोन की सुविधा प्रदान की थी। जिसके चलते भारत का कोई भी सामान्य नागरिक अपना कारोबार चलाने के लिए महज दस रूपये के स्टाम्प पर एक लाख का लोन किसी भी सरकारी बैंक से ले सकता है। बैंकों ने मुद्रा योजना लोन के लिए बाकायदा शिविर तक लगाए है। विगत पांच सालों के भीतर हजारों करोड़ का लोन मुद्रा योजना के तहत दिया गया है। लेकिन फिर भी आम जन मानस बैंक जाने की जगह पर इन सूदखोरों के चंगुल में फंसना ज्यादा पसंद करते है। कुल मिलाकर कहा जाए तो सूदखोर गरीबों का खून चूसने में लगे है। सरकार और प्रशासन गहरी नींद में सोया है। जानकारी के लिए बता दे कि इन सूदखोरों के ब्याज के चलते कई परिवार बदहाली के कगार पर पहुंच चुके है। इस सूदखोरों के कारण कई बार लोग आत्महत्या तक कर लेते है। फिलहाल हरिद्वार में फैले सूदखोरों के इस गोरखधंधे पर लगाम लगाना जरूरी है। अन्यथा वो दिन दूर नही जब लोग सूदखोरों के कारण लोगों के आत्महत्या करने की खबर प्रमुखता से पढ़ने को मिलेगी।