सेक्स वर्क को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने दिया ये बड़ा आदेश, पुलिस नहीं कर सकती दखलंदाजी




नई दिल्ली.
सुप्रीम कोर्ट ने वेश्यावृत्ति को पेशा (Sex Work Legal) माना है। सुप्रीम कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि पुलिस इसमें दखलंदाजी नहीं कर सकती और न ही सहमति से यह काम करने वाले सेक्स वर्करों के खिलाफ कोई कार्रवाई कर सकती है।

एनबीटी की खबर के अनुसार कोर्ट ने सभी राज्यों की पुलिस को सेक्स वर्कर्स और उनके बच्चों के साथ सम्मान के साथ व्यवहार करने का निर्देश दिया है। बेंच ने सेक्स वर्करों (Sex Workers) के अधिकारों की रक्षा के लिए दिशा निर्देश भी जारी किए हैं। कोर्ट ने इन सिफारिशों पर सुनवाई की अगली तारीख 27 जुलाई तय की है। केंद्र को इस पर जवाब देने को कहा है।

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के मुख्य बिन्दु:—
— सुप्रीम कोर्ट ने पुलिस को निर्देश दिया गया है कि वह उनके साथ गरिमामय तरीके से पेश आएं। उनके खिलाफ अभद्र भाषा का इस्तेमाल न हो।

— कहा कि यदि उम्र के हिसाब से सहमति का मामला है तो ऐसे में पुलिस आपराधिक कार्रवाई से परहेज करे। उन्हें गिरफ्तार नहीं किया जाना चाहिए।

— मीडिया से कहा है कि वह किसी भी तरह से सेक्स वर्करों और उनके क्लाइंट की तस्वीर न दिखाएं और न ही छापें।

— सुप्रीम कोर्ट ने राज्यों से कहा है कि सेक्स वर्करों और उनके बच्चों को बुनियादी मानवीय मर्यादा और गरिमा की रक्षा की जानी चाहिए। इन्हें सामाजिक कलंक का सामना करना पड़ता है।

— सुप्रीम कोर्ट ने अन्य सिफारिश पर केंद्र और राज्य से जवाब दाखिल करने को कहा है। कहा कि 8 हफ्ते में उन सिफारिशों पर जवाब दें, जिनमें कहा गया है कि सेक्स वर्करों को क्रिमिनल लॉ में समान अधिकार मिले हुए हैं।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *