नवीन चौहान
उत्तराखंड की विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण की ईमानदारी पूर्ण निर्णय पर सुप्रीम कोर्ट की मोहर लग गई है। विधानसभा में बैकडोर के जरिए भर्ती होने वाले याचिकाकर्ता को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने ऋतु खंडूरी के निर्णय को सही ठहराते हुए डेढ़ मिनट में ही याचिका को निरस्त कर दिया है। इसी के साथ विधानसभा में बैक डोर से नौकरी पाने वाले बर्खास्त कर्मचारियों की आखिरी उम्मीद टूट गई है। ऋतु खंडूरी ने इसे उत्तराखंड की जनता के साथ न्याय माना है।
विदित हो कि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने साल 2016 के बाद तमाम विधानसभा भर्ती के कर्मचारियों की नियुक्ति को गलत बताते हुए भर्ती निरस्त कर दी थी। जिसके बाद बर्खास्त कर्मचारियों ने विधानसभा के बाहर धरना प्रदर्शन किया और हाईकोर्ट की शरण ली। हाईकोर्ट ने ऋतु खंडूरी के निर्णय से सही माना तो बर्खास्त कर्मचारी सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए। जहां सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की एसएलपी को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। इसी के साथ अब बर्खास्त कर्मचारी पूरी तरह से नौकरी पाने की आखिरी उम्मीद खो चुके है। जबकि ऋतु खंडूरी जनता का विश्वास जीतने में कामयाब रही।
विधानसभा की बैकडोर भर्ती प्रकरण में ऋतु खंडूरी ने पूरी ईमानदारी और पारदर्शी निर्णय देकर उत्तराखंड की जनता का दिल जीतने में कामयाबी हासिल की है।