संतों की सुरक्षा में जनता को भूल गया मेला व जिला प्रशासन





नवीन चौहान
कुंभ पर्व को दिव्यता और भव्यता प्रदान करने में जुटा कुंभ मेला प्रशासन और जिला प्रशासन हरिद्वार की जनता और श्रद्धालुओं की समस्याओं को नजरअंदाज कर गया। दूर दराज से आए श्रद्धालु अपने बच्चों को गोदी में लेकर कई किलोमीटर तक पैदल चलते रहे। हरिद्वार के बाहर की तरफ जाम के हालात बने रहे। मित्रता, सेवा और सुरक्षा का धर्म निभाने वाली पुलिस श्रद्धालुओं से अभद्र भाषा में बात करती दिखाई पड़ी।
कुंभ पर्व के पहले शाही स्नान को सकुशल संपन्न कराने के लिए व्यापक स्तर पर तैयारी की गई थी। संतों की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सरकार से लेकर कुंभ मेला व जिला प्रशासन संजीदगी से रणनीति बनाने में जुटा था। लेकिन संतों के इस आभामंडल व दिव्यता के दर्शन करने दूर दराज के इलाकों से आए भक्तों और श्रद्धालुओं का परेशानियों का सामना करना पड़ता। आस्थावान भक्त भगवान भोलनाथ और मां गंगा को स्मरण करते हुए मीलों पैदल चलते रहे। लेकिन सबसे बड़ी बात यह रही कि ​मेला प्रशासन को इनकी तकलीफ दिखाई नही पड़ी। बीती शाम से ही हरिद्वार में लगातार आ रही भीड़ को लेकर मेला प्रशासन संजीदा नही हुआ। डयूटी पर तैनात पुलिस बल भीड़ को सिरदर्द मानकर इधर—उधर भेजते दिखाई दिए।
शाही स्नान को देखने के लिए उमड़ा भक्तों का सैलाब भूखा प्यासा तड़पता दिखा। बाजार की दुकाने बंद होने के चलते रेहड़ी पर जो मिला वही खा लिया गया। लेकिन श्रद्धालुओं के चेहरे में मां गंगा के प्रति आस्था का भाव नजर आया। मेला प्रशासन को आगामी स्नान के ​दिनो के बेहतर तैयारी की जरूरत है। फिलहाल तो कोविड के एनटीपीसीआर रिपोर्ट के चलते लोगों की संख्या कुछ कम रही। लेकिन आगामी शाही स्नान में भीड़ का अंदाजा लगाना मुश्किल होगा।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *