नवीन चौहान.
हरिद्वार। गंगा में जगह जगह मूर्ति विसर्जन करने वालों पर अब रोक लगेगी। जिलाधिकारी के निर्देश पर ऐसे स्थान चिन्हित किये जा रहे हैं जो मूर्ति विसर्जन करायी जा सके और गंगा को भी स्वच्छ रखा जा सके। इसके लिए आज गठित टीम ने दो स्थानों का निरीक्षण भी किया।
जिलाधिकारी हरिद्वार विनय शंकर पाण्डेय की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में दिनांक 28 मार्च,2022 को जिला गंगा संरक्षण समिति की बैठक आयोजित हुई थी, जिसमें जिलाधिकारी ने मूर्तियों को गंगा में विसर्जित किये जाने के सम्बन्ध में स्थाई हल निकालने के लिये अपर जिलाधिकारी(वित्त एवं राजस्व) बीर सिंह बुदियाल की अध्यक्षता में एक पांच सदस्यीय समिति का गठन किया था।
समिति को तीन दिन के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये गये थे, जिसके क्रम में आज समिति ने वीआईपी घाट के सामने धोबीघाट के पास मूर्तियां विसर्जित करने के लिये कुण्ड बनाने, दूसरा कुण्ड बैरागी कैम्प के पास बनाने, जिसमें मिट्टी आदि की मूर्तियां विसर्जित होंगी।
ठोकर नम्बर चार एवं पांच (दुधियाबन्ध) के बीच किसी भी प्रकार की भू-समाधि, जल समाधि, लावारिश शवों/ लाशों को प्रवाहित करने को रोकने हेतु नगर निगम पूर्ण विवरण/नियम/जानकारी देने वाले सूचना पट्ट विभिन्न स्थानों में स्थापित करेगा ताकि अधिक से अधिक लोगों को इस सम्बन्ध में जागरूक किया जा सके।
बैरागी कैम्प के एल प्वाइण्ट पर खण्डित पत्थर की मूर्तियों को विसर्जित करने हेतु चिह्नित किया गया। ये कार्य 01 अप्रैल,2022 तक पूर्ण कर लिये जायेंगे।
स्थल चिह्नांकन के समय कमेटी के अध्यक्ष बीर सिंह बुदियाल, सिटी मजिस्ट्रेट अवधेश कुमार सिंह, एस0पी0 सिटी स्वतंत्र कुमार, सहायक नगर आयुक्त एम0एन0 शाह, गंगा समिति के सदस्य रामेश्वर गौड़, सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियन्ता, नायब तहसीलदार, क्षेत्रीय पटवारी आदि मौजूद थे।