सबसे नजदीक था सूरज आज पृथ्वी के फिर भी ठंड रही सबसे अधिक




मेरठ। आज पृथ्वी सूर्य से सबसे निकटतम स्थिति में है फिर भी ठंड सर्वाधिक बनी हुई है, जबकि सूरज के पास होने से गर्मी होनी चाहिये थी। ऐसा क्यों हो रहा है, इसके पीछे भी विज्ञान है। इस बारे में विस्तार से जानकारी दे रहे हैं दीपक शर्मा। मेरठ में आज इस सीजन में दिन में सबसे कम तापमान रिकार्ड किया गया।

विज्ञान के टीचर और सौर मंडल की जानकारी रखने वाले दीपक शर्मा ने बताया कि पृथ्वी की सूर्य से निकटतम स्थिति (3 जनवरी के आसपास) में दूरी 14.71 करोड़ किमी होती है जबकी दूरस्थ स्थिति (4 जुलाई के आसपास) में दूरी 15.21 करोड़ किमी होती है। दोनों स्थिति में दूरी में अंतर लगभग 60 लाख किमी का आता है जो इस पैमाने पर नगण्य है और इतना नहीं है कि वह पृथ्वी पर मौसम पर कोई प्रभाव डाल सके।

पृथ्वी की एक विशेषता है उसकी धुरी का झुकाव। उसकी धुरी उसके परिक्रमा पथ के तल से 23.5 डिग्री के कोण पर झुकी हुई है और सूर्य की विषुवत रेखा पर 7.155 डिग्री का झुकाव हैं। यह झुकाव पृथ्वी पर पड़ने वाली सूर्य की किरणों को भी प्रभावित करता है। इस झुकाव की वजह से ही पृथ्वी का एक गोलार्द्ध छह माह तक सूर्य की ओर झुका रहता है और अगले छह मास तक दूसरा गोलार्द्ध। यह क्रम निरंतर चलता रहता है। इसके फलस्वरूप ही ऋतुएं-वसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत और शीतलहर उत्पन्न होती हैं।

पृथ्वी की धुरी के झुकाव के कारण ही उत्तरी और दक्षिणी गोलार्द्धों में वर्ष के एक ही समय अलग-अलग ऋतुएं होती हैं। जब उत्तरी गोलार्द्ध में भीषण गर्मी पड़ रही होती है तब दक्षिणी गोलार्द्ध में लोग ठंड से ठिठुर रहे होते हैं और जब उत्तरी गोलार्द्ध में सर्दी की ऋतु आ जाती है तब दक्षिणी गोलार्द्ध में गर्मी पड़ती है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *