20 साल बाद संयोग, चतुर्मास 5 महीने का और दो होंगे सावन, सत्ता परिवर्तन के बन सकते हैं योग




नवीन चौहान।
इस बार चतुर्मास पांच महीने का होगा, ये संयोग 20 साल बाद बन रहा है। इसके प्रभाव से राजनीतिक उथलपुथल भी देखने को मिलेगी। महंगाई पर जहां नियंत्रण बने रहने की संभावना है वहीं ऐसी स्थिति से किसी राज्य में सत्ता पलट होने का योग भी बन सकता है।

29 जून से होगा चतुर्मास का आरम्भ
बीस साल बाद इस बार यह संयोग बन रहा है, जिस कारण इस बार सावन के महीने भी दो होंगे। ज्योतिषाचार्य राहुल अग्रवाल ने बताया कि इस बार चतुर्मास का आरम्भ 29 जून दिन बृहस्पतिवार से होने जा रहा है। सामान्यत: चतुर्मास 4 महीने का होता है लेकिन इस बार मलमास यानि पुरुषोत्तम मास होने के कारण इस बार चतुर्मास 5 महीने रहेगा।

23 नवंबर 2023 तक रहेगा चतुर्मास
इस बार आषाढ़ मास शुक्ल पक्ष एकादशी से लेकर कार्तिक शुक्ल पक्ष एकादशी जो 23 नवंबर 2023 को होगी तब तक चतुर्मास रहेगा। मान्यता के अनुसार भगवान विष्णु इस समय चिर निंद्रा में चले जाते हैं और पृथ्वी का सारा भार भगवान शिव के ऊपर रहता है। भगवान विष्णु के चिर निंद्रा में होने के कारण इस समय कोई भी शुभ व मांगलिक कार्य नहीं किया जाता। इस बार चतुर्मास में सावन 1 महीने की जगह 2 महीने रहेगा।

त्यौहारों पर नहीं होगा असर, शुभ कार्य रहेंगे प्रतिबंधित
चतुर्मास के इस समय में कई प्रमुख व्रत व त्यौहार भी रहेंगे। इसमें सावन के सोमवार, शिवरात्रि, नाग पंचमी, रक्षाबंधन, गणेश उत्सव, पितृपक्ष, नवरात्रि तथा हरियाली तीज, करवा चौथ, अहोई अष्टमी का व्रत, धनतेरस, दीपावली, गोवर्धन जैसे प्रमुख त्यौहार व व्रत इसी बीच में मनाए जाएंगे। हालांकि इस दौरान कोई भी शुभ कार्य जैसे शादी विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि शुभ कार्य करने की मनाही है।

देश में सुख शांति बढ़ेगी
चतुर्मास में दो सावन का होने का योग लगभग 20 साल बाद बन रहा है। पंचांग के अनुसार सावन अधिक मास के फल स्वरुप जहां देश में सुख-शांति बढ़ेगी वहीं महंगाई नियंत्रण में रहेगी। लेकिन किसी राज्य में सत्ता परिवर्तन का योग भी बन सकता है।

चतुर्मास में क्या करना चाहिए
इस समय अधिक से अधिक ईश्वर की आराधना किसी भी रूप में करनी चाहिए, श्रीमद्भागवत व गीता का पाठ करें, सात्विक रहे, जप, दान, तप, अनुष्ठान आदि करें।

क्या ना करें
विवाह मुंडन तथा किसी भी मंदिर आदि का निर्माण कार्य आरंभ ना करें, देव प्रतिष्ठा तथा गोदान आदि भी नहीं करनी चाहिए। इस समय दही, शहद, मूली, बैंगन और पत्ते वाली सब्जियां भी मना की गई हैं।



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