नवीन चौहान.
सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) वापस लेने की राज्य सरकार की अर्जी से प्रदेश के पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत खेमा स्तब्ध है। किसी की समझ में नहीं आ रहा कि प्रदेश सरकार अपने ही पूर्व सीएम के कार्यकाल में दी गई इस एसएलपी को क्यों वापस लेना चाहता है। वहीं दूसरी ओर इस मामले में अभी तक पूर्व सीएम की भी कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है। इस समय वह दिल्ली में हैं।
इस पूरे मामले में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेंद्र भट्ट का कहना है कि जिस समय सरकार की ओर से सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई थी, उस समय त्रिवेंद्र सिंह रावत मुख्यमंत्री थे। अब वो सीएम नहीं है। इसी मामले में उनकी भी एसएलपी विचाराधीन है, इसलिए वह अपनी लड़ाई लड़ेंगे। सरकार और संगठन इस मामले में उनका पूरा सहयोग करेगी।
वहीं दूसरी ओर सूत्रों का यह भी कहना है कि दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात के दौरान पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापस लेने की अनुमति लिए जाने के मामले पर चर्चा की। त्रिवेंद्र सिंह रावत के समर्थक इस पूरे प्रकरण से स्तब्ध है। हालांकि उनकी ओर से अभी कोई प्रतिक्रिया खुलकर सामने नहीं आ रही है।