उत्तराखंड पुलिस ने किया बैलेट मतदान, कांग्रेस को उम्मीद सत्ता की राह हुई आसान





नवीन चौहान

उत्तराखंड में प्रचंड बहुमत की भाजपा सरकार ने पुलिस को कमतर आंका। पुलिसकर्मियों की समस्याओं को दूर करने में कोताही बरती। उत्तराखंड पुलिस के जवानों का वास्तविक हक 4600 ग्रेड पे तक को देने में कोई रूचि नही दिखाई। हद तो तब हो गई जब ​चुनावों का वक्त आया तो पुलिसकर्मियों और उनके परिवारों के वोट तक को महत्व नही दिया गया। लेकिन उत्तराखंड कांग्रेस के स्टार हरीश रावत ने मौके की नजाकत को समझते हुए पुलिसकर्मियों के दर्द को समझते हुए अपने चुनावी वायदे में 4600 ग्रेड पे को शामिल कर दिया। यही कारण रहा कि पुलिस ने अपना पोस्टल बैलेट पूरे मनोभाव से दिया।
हालांकि मतदान तो गोपनीय है। लेकिन पुलिसकर्मियों की आस्था जरूर कांग्रेस सरकार की तरफ रही।
उत्तराखंड में 14 फरवरी को विधानसभा चुनाव संपन्न हो चुके है। पुलिसकर्मियों के पोस्टल बैलेट डाले जा चुके है। मतदान के आधार पर नव निवार्चित होने वाली सरकार के लिए चर्चाओं का बाजार गरम है। भाजपा एक बार फिर प्रचंड बहुमत से जीत दर्ज करने का दावा कर रही है। कांग्रेस सत्ता पर काबिज होने के दावे पर अटल है। हरदा तो खुद को मुख्यमंत्री के तौर पर प्रोजेक्ट तक कर चुके है। लेकिन हम बात करें चुनावों के बाद चुनावी चर्चाओं की।
हरिद्वार की बात करें तो यहां भाजपा को करारा झटका लग रहा है। कांग्रेस और बसपा बेहतर स्थिति में है। गढ़वाल में कांग्रेस को 17 और कुमांऊ में 20 सीट मिलने का अनुमान है। जबकि पांच सीट निर्दलीय के खाते में जाती दिखाई पड़ रही है। भाजपा के कई दिग्गज चुनाव में पिछड़ते दिखाई पड़ रहे है।
लेकिन यहां चर्चा उत्तराखंड पुलिस की हो रही है। उत्तराखंड पुलिस भाजपा सरकार से बेहद खफा रही। पुलिसकर्मियों के परिजन अपने हक के लिए सरकार को जगाने का प्रयास करते रहे। अनुशासित फोर्स नियमों में रहकर अपनी आवाज सरकार तक पहुंचाने की कोशिश करते रहे। लेकिन भाजपा सरकार मजबूत संगठन का दंभ भरते हुए पुलिसकर्मियों को कमतर आंकती रही। पन्ना प्रमुख और मेरा बूथ सबसे मजबूत के दम पर चुनावों में उतरी और जनसमस्याओं से दूर भागती रही। नेतृत्व परिवर्तन भाजपा हाईकमान की सबसे बड़ी भूल साबित होता दिखा। आखिरकार पुलिसकर्मियों ने भी अपना आक्रोष शांत कर दिया। पोस्टल बैलेट से मतदान हो चुका। यही पुलिसकर्मियों का वोट वर्तमान सरकार को भारी पड़ता दिखाई पड़ रहा है।



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