उत्तराखंड पुलिस की आंखों में आंसू, शरीर से डयूटी, सीएम ने नहीं जताया दुख




नवीन चौहान
उत्तराखंड पुलिस महकमे में तीन बहादुर जवानों की मौत के बाद आंखों में आंसू छलक रहे है। दिल में दर्द उठ रहा है लेकिन फिर भी जनता की सुरक्षा के लिए अपने फर्ज को अंजाम दे रहे है। दीपावली पर्व पर जनता की सुरक्षा व्यवस्था में तैनात है। जनता की दीपावली मनाने के लिए अपने घरों से कोसों दूर डयूटी पर है। लेकिन अपने परिवार के तीन सदस्यों को खो देने का गम और उत्तराखंड सरकार की बेरूखी पुलिसकर्मियों को आत्मिक दुख पहुंचा रही है। महिला दारोगा की मौत के बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से शोक तक व्यक्त नहीं किया गया। सरकार की ओर से पीड़ितों के परिजनों के लिए कोई आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा तक नहीं की गई।
चार दिन पूर्व वीआईपी डयूटी में जाने के दौरान उत्तराखंड पुलिस के जवानों का एक सरकारी वाहन दुर्घटनाग्रस्त हो जाने से दो कांस्टेबल की मौत हो गई। जबकि एक थाना प्रभारी काठगोदाम नंदन सिंह बिष्ट और महिला उप निरीक्षक माया बिष्ट को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जबकि इस हादसे में दो कांस्टेबल ललित और नंदन की मृत्यु हो गई थी। जबकि महिला उप निरीक्षक माया बिष्ट ने आज अस्पताल में दम तोड़ दिया। माया बिष्ट के निधन की खबर से उत्तराखंड का पूरा पुलिस महकमा शोकाकुल है। इस दुर्घटना में तीन जवानों की असमायिक मौत ने उत्तराखंड पुलिस को शोकाकुल किया है। लेकिन उससे बड़ा दुख सरकार की ओर से मिला जब पुलिसकर्मियों की मौत की खबर के बाद भी सरकार की ओर से कोई शोक व्यक्त नही किया गया।



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