पवित्र छड़ी यात्रा धूमधाम से जागेश्वरधाम से रवाना




सोनी चौहान
उत्तराखंड के प्रमुख धामों, पौराणिक स्थलों तथा मठ-मन्दिरों के भ्रमण के लिए पिछले 12 अक्टूबर से शुरू की गई पवित्र छड़ी यात्रा कुमायूं मण्डल के विभिन्न पौराणिक स्थलों के भ्रमण की ओर अग्रसर है। बाघनाथ महादेव मन्दिर तथा सरयू स्नान के बाद पवित्र छड़ी यात्रा अल्मोड़ा के प्रसिद्ध जागेश्वर धाम के लिए रवाना हो गयी। बागेश्वर में स्थानीय नागरिकों ने ढोल दमाड,मश्क बीन की घ्वनि व नगाड़ो के बीच धूमधाम से जागेश्वरधाम के लिए रवाना किया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री एवं जूना अखाड़ा के संरक्षक श्रीमहंत स्वामी हरि गिरी ने बताया कि पवित्र छड़ी यात्रा का उदेदश्य प्रदेश के पौराणिक स्थलों, मठो,मन्दिरों के प्रति नयी पीढ़ी को रूबरू कराना है। साथ ही प्रदेश में यात्रा के जरिये सनातन धर्म के प्रति जनमानस को और जोड़ते हुए और मजबूत करना है। इस यात्रा से न केवल प्रदेश के चारो धामों के अलावा अन्य प्रसिद्व धार्मिक स्थलों की पहचान के प्रति श्रद्वालुओं को आकर्षित करना है,साथ ही पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा,बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेगे। बागेश्वर से छड़ी यात्रा को लेकर सभापति महंत प्रेम गिरि, उपाध्यक्ष महंत विद्यानंद सरस्वती, छड़ी महंत महंत शिवदत्त गिरी, महंत धीरज गिरी, महंत सहजानंद सरस्वती, महंत मनोहर पुरी आदि के साथ बीहड़ वन में स्थित गणानाथ मन्दिर पहुचे, लगभग 12 किलोमीटर की दुर्गम चढ़ाई पारकर गणनाथ पहुचे, जहां प्राकृतिक झरने के मध्य पौराणिक शिवलिंग स्थित था,जिस पर प्राकृतिक जलधारा से अभिषेक हो रहा था।
गणानाथ से छड़ी यात्रा जागेश्वर पहुची,जहां पर श्रद्वालुओं ने अत्यंत उत्साह से छड़ी का स्वागत किया। जागेश्वर महादेव के मन्दिर में पवित्र छड़ी का मंत्रोच्चार के मध्य पुरोहितो ने अभिषेक किया। पवित्र छड़ी यात्रा रात्रि में जागेश्वर में विश्राम के लिए स्थिर कर दी गयी है।



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