वैदिक ग्रंथ हमें सिखाते हैं कि ज्ञान केवल सूचना नहीं है- डॉ. सोमदेव




  • 6 दिवसीय डाटा एनलिटिक्स विषय पर तकनीकी प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ

नवीन चौहान.
गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय में डाटा एनालिटिक्स विषय पर एक सप्ताह की कार्यशाला का आयोजन दिनांक 13 से 18 मार्च 2023 के मध्य किया जा रहा है। जिसका उद्घाटन सत्र दिनांक 13 मार्च 2023 दिन सोमवार को हुआ।

यह कार्यशाला उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (USERC), उत्तराखंड सरकार और गुरुकुल काँगड़ी हरिद्वार विश्वविद्यालय हरिद्वार के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की जा रही है। कार्यशाला को अभियांत्रिकी एवं प्रौद्योगिकी संकाय के अनुप्रयुक्त विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित किया जा रहा है। इस कार्यशाला में देश के विभिन्न संस्थानों से प्रतिभागी प्रतिभाग करेंगे और डाटा एनालिटिक्स विषय की बारीकियों को सीखेंगे। कार्यशाला में मुख्यत: शोध छात्र, तकनीकी संस्थानों के शिक्षक एवं शोध संस्थानों से आए हुए शोधार्थी प्रतिभाग करेंगे।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रथम दिन प्रोफेसर विवेक कुमार कुलपति क्वांटम विश्वविद्यालय, प्रोफेसर अनीता रावत अध्यक्ष उत्तराखंड स्टेट साइंस एजुकेशन एवं रिसर्च संस्थान देहरादून से उपस्थित हुए। मंच संचालन कर रहे डॉ. सुयश भारद्वाज ने सभी सम्मानित अतिथियों का स्वागत करते हुए मंत्रों चारण से दीप प्रजावलित करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कहा डेटा एनालिटिक्स जटिल डेटा सेट की समझ बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह शोधकर्ताओं को पैटर्न और सहसंबंधों की पहचान करने की अनुमति देता है जो अन्यथा किसी का ध्यान नहीं गया हो सकता है, जिससे नई खोजों और सफलताओं का मार्ग प्रशस्त होता है।

इस कार्यशाला का आयोजन डेटा एनालिटिक्स में नवीनतम प्रगति और जटिल डेटा सेट से मूल्यवान जानकारी निकालने के लिए उन्नत गणितीय तकनीकों का लाभ उठाने के उद्देश्य से किया गया है। यह कार्यशाला नवाचार और सहयोग को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रमाण है, और मुझे विश्वास है कि कार्यशाला सभी प्रतिभागियों के लिए विचारों का आदान-प्रदान करने, ज्ञान और अंतर्दृष्टि साझा करने और नई साझेदारी बनाने के लिए एक उत्कृष्ट मंच के रूप में काम करेगी।

डॉ. सुनील पँवार ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला के उद्देश्यों के बारे में बताया। उन्होंने कहा इस कार्यशाला का उद्देश्य प्रतिभागियों को प्रशिक्षण प्रदान करना है। इस कार्यशाला में आर प्रोग्रामिंग और उसका उपयोग करके डेटा विज्ञान और सांख्यिकीय विश्लेषण सिखाया जाएगा। उन्होंने कहा एप्लाइड साइंस विभाग डेटा एनालिटिक्स के क्षेत्र में अनुसंधान और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। यह कार्यशाला शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, उद्योग के पेशेवरों और छात्रों के लिए चर्चा करने, सीखने और अन्वेषण करने के लिए एक मंच बनाने के हमारे कई प्रयासों में से एक है। हम अपने सम्मानित अतिथियों के आभारी हैं जिन्होंने इस कार्यक्रम में भाग लेने के लिए अपने व्यस्त दिनचर्या से समय निकाला है।

कार्यक्रम समन्वयक डॉ लोकेश जोशी ने कार्यक्रम के बारे में बताते हुए कहा की कार्यशाला का उद्देश्य शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं, उद्योग के पेशेवरों और छात्रों को गणितीय उपकरणों का उपयोग करके डेटा एनालिटिक्स के नवीनतम रुझानों, चुनौतियों और अनुप्रयोगों पर चर्चा करने, सीखने और तलाशने के लिए एक मंच प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि लगभग 100 प्रतिभागियों ने भारत के विभिन्न 31 संस्थानों ने इस कार्यशाला के लिए पंजीकरण किया है। इस आयोजन में देश भर से भाग ले रहे हैं ओर सभी प्रतिभागी कुछ सीखेंगे ओर अपने शोध गतिविधि के लिए डेटा एनालिटिक्स की नई तकनीकें का इस्तेमाल करेंगे।

प्रो. अनिता रावत, डायरेक्टर, उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र ने कहा डेटा एनालिटिक्स एक महत्वपूर्ण टूल है जो हमें प्रतिदिन उत्पन्न होने वाले डेटा की विशाल मात्रा को समझने में मदद करता है। उन्नत तकनीकों का उपयोग करके, हम अंतर्दृष्टि निकाल सकते हैं जिनका उपयोग नवाचार को चलाने, दक्षता बढ़ाने और निर्णय लेने में सुधार करने के लिए किया जा सकता है। उन्होंने कहा की इस कार्यशाला के दौरान, हमारे पास क्षेत्र के विशेषज्ञों से सुनने, व्यवहारिक अभ्यास में भाग लेने और उत्तेजक चर्चाओं में शामिल होने का अवसर होगा। उन्होंने कार्यशाला के आयोजकों का धन्यवाद करते हुए ये विश्वास दिलाया की सभी प्रतिभागी इस बात को बेहतर समझ के साथ यहां से निकलेंगे कि डेटा एनालिटिक्स को हमारे संबंधित उद्योगों और संगठनों पर कैसे लागू किया जा सकता है।

प्रो. विवेक कुमार कुलपति, क्वांटम विश्वविद्यालय ने अपने उदबोधन में कहा की प्रत्येक क्षेत्र में उत्पन्न होने वाले डेटा की बढ़ती मात्रा के साथ, ऐसे विशेषज्ञों की बढ़ती आवश्यकता है जो सूचित निर्णय लेने के लिए डेटा का कुशलतापूर्वक विश्लेषण और व्याख्या कर सकें। यह वर्कशॉप डेटा एनालिटिक्स और मैथमैटिकल टूल्स में प्रतिभागियों के कौशल को बढ़ाने में मदद करेगी। उन्होंने शोध छात्रों का उत्साह वर्धन करते हुए कहा की उन्हें नए शोध करने की प्रेरणा वेदों से लेनी चाहिए।

प्रो. विवेक कुमार गुप्ता, डायरेक्टर IQAC, गुरुकुल काँगड़ी विश्वविद्यालय, ने अपने वकतव्य में कहा हम एक ऐसे युग में रह रहे हैं जहां अभूतपूर्व गति से डेटा उत्पन्न हो रहा है। सोशल मीडिया इंटरैक्शन से लेकर वैज्ञानिक प्रयोगों तक, डेटा हमारे चारों ओर है। हालाँकि, यह इस डेटा से अर्थ निकालने की क्षमता है जो वास्तव में मूल्यवान है, और यही वह जगह है जहाँ डेटा एनालिटिक्स काम आता है। डेटा एनालिटिक्स पैटर्न और अंतर्दृष्टि निकालने के लिए बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण करने की प्रक्रिया है जिसका उपयोग सूचित निर्णय लेने के लिए किया जा सकता है। आज की तेजी से भागती दुनिया में, व्यवसाय और संगठन रणनीतिक निर्णय लेने, संचालन का अनुकूलन करने और प्रतिस्पर्धा से आगे रहने के लिए डेटा एनालिटिक्स पर तेजी से भरोसा कर रहे हैं। डेटा एनालिटिक्स टूल और तकनीकों का लाभ उठाकर, संगठन प्रतिस्पर्धा में बढ़त हासिल कर सकते हैं और विकास और नवाचार के नए अवसरों को खोल सकते हैं।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सोमदेव सतांशु ने कहा वैदिक शास्त्र “ज्ञान” की अवधारणा का वर्णन करते हैं, जो ज्ञान का अनुवाद करता है। डेटा एनालिटिक्स के संदर्भ में, इस ज्ञान को उस अंतर्दृष्टि के रूप में समझा जा सकता है जिसे हम डेटा के विश्लेषण से प्राप्त कर सकते हैं। वैदिक ग्रंथ हमें सिखाते हैं कि ज्ञान केवल सूचना नहीं है, बल्कि डेटा के भीतर मौजूद अंतर्निहित पैटर्न और कनेक्शन की गहरी समझ है। वैदिक युग के प्राचीन ऋषि अवलोकन और कटौती की कला में कुशल थे।

उन्होंने अपने आसपास की दुनिया का अध्ययन किया और प्रतीत होने वाली असंबद्ध घटनाओं के बीच संबंध बनाए। ज्ञान एकत्र करने का यह तरीका बहुत कुछ वैसा ही है जैसा आज हम डेटा एनालिटिक्स में करते हैं। बड़ी मात्रा में डेटा का विश्लेषण करके, हम पैटर्न और सहसंबंधों की पहचान कर सकते हैं जो अन्यथा मानव आंखों के लिए अदृश्य होंगे।

कार्यशाला में व्याख्यान, ट्यूटोरियल और हैंड्स-ऑन सत्र सहित छह दिनों के इंटरेक्टिव सत्र होंगे। विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों के प्रख्यात वक्ता मशीन लर्निंग, डेटा विज़ुअलाइज़ेशन, प्रेडिक्टिव एनालिटिक्स, सांख्यिकीय विश्लेषण और अनुकूलन तकनीकों जैसे विषयों पर व्याख्यान देंगे। प्रतिभागियों को R, Python, MATLAB और Data Science जैसे सॉफ्टवेयर टूल सीखने और उन पर काम करने का भी मौका मिलेगा।

कार्यशाला के प्रथम दिन प्रो. परमेन्द्र सिंह पुंडीर, अध्यक्ष, सांख्यिकी विभाग, इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने अपना व्याख्यान देते हुए आर सॉफ्टवेयर पर प्रतिभागियों को प्रोग्रामिंग करना सिखाया। उन्होंने आर के विभिन्न आयामों को समायोजित करते हुए शोध छात्रों को प्रेरित किया की वे आर प्रोग्रामिंग सिख कर अपने शोध कार्य को उत्तम श्रेणी तक ले जाएं।

विभागाध्यक्ष डॉ. एमएम तिवारी ने कहा विभाग के सभी सदस्य 13 से 18 मार्च 2023 तक आयोजित होने वाली डेटा एनालिटिक्स विषय पर राष्ट्रीय कार्यशाला की घोषणा करने के लिए उत्साहित हैं । उन्होंने कहा डेटा एनालिटिक्स पर आयोजित इस कार्यशाला के आयोजन के लिए सभी प्रतिभागियों की ओर से आभार व्यक्त करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। आयोजन समिति के अथक प्रयासों के बिना यह कार्यशाला संभव नहीं होती, और हम उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए वास्तव में आभारी हैं।

उन्होंने कहा प्रो. सोमदेव सतांशु, कुलपति गुरुकुल को उनके दूरदर्शी नेतृत्व और इस तरह की पहलों के निरंतर समर्थन के लिए हार्दिक धन्यवाद देना चाहता हूं। इस कार्यशाला की सफलता में आपके मार्गदर्शन और प्रोत्साहन का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उन्होंने निदेशक आईक्यूएसी, प्रो. विवेक कुमार गुप्ता का भी धन्यवाद दिया ओर संकायाध्यक्ष डॉ. सुनील पँवार का भी उनके बहुमूल्य समर्थन के लिए आभार व्यक्त किया। यश भारद्वाज ने शांति पाठ से कार्यक्रम की समाप्ति की घोषणा की।



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