गगन नामदेव
देवभूमि में आस्था की नगरी हरिद्वार के लिए एक पुरानी कहावत है किे जिसने देख लिया हरिद्वार तो छोड़ दिया घर परिवार। यह कहावत तो सदियों पुरानी है। इसके पीछे की हकीकत भी सही है। लोग एक आयु के बाद सन्यास और एकांतवास के लिए हरिद्वार की ओर निकल चलते थे। जिसके बाद हरिद्वार में ही एक कुटिया बनाकर जीवन के अंतिम क्षणों में पूजा अर्चना और भक्ति में लीन रहकर मोक्ष की प्राप्ति करते थे।
लेकिन बदलते वक्त के साथ यह कहावत अब पूरी तरह से सच होने लगी है। हरिद्वार में आस्था के साथ यहां की खूबसूरती भी अब आकर्षित करने लगी है। हरिद्वार का शांत वातावरण और मां गंगा की गोद में बैठने का एहसास ही मन को शीतलता प्रदान करता है। हरिद्वार के खूबसूरत गंगा घाट और उन पर लगी लाइट आकर्षित करती है। हरिद्वार में कुंभ पर्व की तैयारियों की जा रही है। लेकिन जिन लोगों ने भी हरिद्वार को देखा उनके मन में बस एक ही सपना है। काश हरिद्वार में हमारा एक घर होता।
कलयुग के दौर में पैंसा सबसे बड़ी चीज है। पैंसे के पीछे दुनिया भाग रही है। लेकिन एक आयु के बाद सभी को मन की शांति चाहिए। भाग दौड़ की जिंदगी से मुक्ति चाहिए। एकांतवास चाहिए। इसके लिए दुनिया में सबसे खूबसूरत स्थान है तो उत्तराखंड। उत्तराखंड का हरिद्वार उनमें से एक सबसे प्रमुख स्थान है।