हरिद्वार का किसान कथित पत्रकारों से परेशान, बोला छतरी लेकर आ गए खेत





गगन नामदेव

हरिद्वार के एक किसान ने अपने ऊबड़—खाबड़ खेत की भूमि को समतलीकरण कराकर उपयोग में लाने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय से अनुमति कराई। जिलाधिकारी से अनुमति लेने के बाद जब किसान ने खेत से मिट्टी उठवानी शुरू की तो हरिद्वार के तथाकथित पत्रकारों का खेत पर पहुंचने का सिलसिला शुरू हो गया। पत्रकारों ने किसान से अवैध खनन करने को लेकर धमकाया। अवैध खनन करने की शिकायत जिलाधिकारी को करने की धमकी देनी शुरू कर दी। पत्रकारों ने किसानों से पैंसों की मांग करनी शुरू कर दी। फिलहाल उक्त किसान पत्रकारों के उत्पीड़न से मानसिक रूप से परेशान हो चुका है। मानसिक परेशान किसान कुछ पत्रकारों की जेब भी गरम कर चुका है।
जबकि वास्तविकता यह है कि दो हजार घन मीटर की अनुमति लेने के बाद किसान के खेत से महज 1100 घन मीटर ही मिट्टी उठाई गई है। लेखपाल की जांच रिपोर्ट में करीब 1100 घन मीटर मिट्टी उठने की पुष्टि हुई है। पूरा प्रकरण बहादराबाद क्षेत्र के रोहालकी गांव का है।
ग्राम अलीपुर निवासी जनरेश्वर का रोहालकी में चार बीघा भूमि है। भूमि ऊबड़—खाबड़ है। जिसके चलते इस भूमि पर पानी नहीं पहुंच पाया और जनेश्वर के लिए खेती करना संभव नही है। जनेश्वर ने इस भूमि को उपयोग में लाने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय से भूमि समतलीकरण की अनुमति के लिए आवेदन किया। जिलाधिकारी ने तमाम जांच रिपोर्ट के बाद किसान की समस्या को सही पाते हुए दो हजार घन मीटर मिट्टी उठाने की अनुमति जारी कर दी। जनेश्वर के खेत से मिट्टी उठने लगी। यहां तक सबकुछ ठीक था। लेकिन मिट्टी के डंपर को देखते ही मधुमक्खी की तरह भिनभिनाते हुए कुछ पत्रकार वहां पहुंच गए। जनेरश्वर से परमिशन दिखाने की मांग करने लगे और मौके की वीडियो बनाने लगे। जरेश्वर ने कुछ नहीं बोला वह सबकुछ देखता रहा। लेकिन उसके कुछ देर बाद पत्रकारों ने पैंसों की मांग कर दी। जनेश्वर की कुछ समझ में नही आया। उसका पहली बार पत्रकार से आमना—सामना हुआ था।
किसान जनेश्वर की समस्या
जनेश्वर ने बताया कि उसके खेत में कई साल से खेती नहीं हो पाई। फसल के लिए खेत को तैयार करने की सोची है। पड़ोसियों के खेत नीचे है। जबकि मेरा खेत ऊंचा है। खेत में पानी नही पहुंच पाता है। फसल योग्य खेत बनाने की सोची है। खेत में ज्यादा गडडा नहीं करा सकता। नही तो फिर बरसात का पानी रूक जायेगा। अपने खेत में हिसाब से काम करा रहा हूं। 7 फरवरी को अनुमति कराई थी।
ये है पत्रकारों की हकीकत
जनेश्वर ने बताया कि पत्रकारों को पैंसे दो तो ठीक है बरना करना खाना बेकार कर देते है। खर्चा पानी दो नहीं तो शिकायत कर देंगे। पत्रकार हूं छतरी सी लेकर आते है और धमकाते है। मोबाइल से वीडियो बनाकर ले जाते है। फिर डराने लगते है। हम तो खेती वाले आदमी है। पत्रकार के बारे में कुछ नही पता। पत्रकार के हाथ पांच जोड़ते रहते है। लेकिन वह तो धमकाते जाते है। नहीं तो झूठी शिकायत अधिकारियों को करते है।पड़ोसियों से मोबाइल नंबर लेकर फोन करते रहते है। पूरा दिन परेशान करते रहते है।
एसडीएम गोपाल चौहान ने बताया कि पत्रकारों की शिकायत पर भूमि की पैमाइश कराई गई थी। पटवारी नरेश सैनी की जांच रिपोर्ट के मुताबिक 1100 घन मीटर मिट्टी उठाई गई है। वहां किसी प्रकार का कोई अवैध खनन होना नही पाया गया। गरीब किसान खेती करने के लिए अपनी भूमि का समतलीकरण करा रहा है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *