लखनऊ: समाजवादी पार्टी के रजत जयंती समारोह में भतीजे अखिलेश ने चाचा शिवपाल के तल्ख तेवरों का जवाब अपने ही अंदाज में दिया। उन्होंने कहा, ” मुझे लोहिया जी की एक पुरानी कहावत याद आ रही है कि लोग मेरी सुनेंगे तो जरूर, लेकिन मेरे मरने के बाद। ठीक वैसे ही मैं भी कहना चाहता हूं कि कुछ लोग सुनेंगे तो जरूर, लेकिन समाजवादी पार्टी का सबकुछ बिगड़ने के बाद।” मंच से अखिलेश बिना शिवपाल का नाम लिए अपने दिल की बात एक बार फिर कह गए। सीएम अखिलेश यहीं नहीं रुके। अखिलेश ने इस बार पिता और चाचा दोनों को इशारों में कहा, ”पहले मुझे तलवार थमा देते हैं और फिर कहते हैं कि मैं तलवार भी ना चलाऊं। यह ठीक नहीं है। मैं यह नहीं कहता कि समाजवादी पार्टी मेरी वजह से सत्ता में आई और दोबारा फिर आएगी।”
समाजवादी पार्टी ने बड़े पैमाने पर समाजवादी पेंशन दी है। हमने लैपटॉप देकर छात्रों को आगे बढ़ाने का काम किया है।लैपटॉप आज भी जब चालू होता है तो नेताजी की फोटो आती है। विरोधी पार्टियां उसे अब तक नहीं हटा पाई हैं। समाजवादी पार्टी बहुत आगे निकल चुकी है। देश और दुनिया की तरक्की समाजवादी विचारधारा से ही हो सकती है। इसलिए यह जरूरी है कि यूपी में एक बार फिर समाजवादी सरकार बने। मेरा लक्ष्य है कि बीजेपी हारे बीएसपी हारे।