सात साल की अदीबा ने रखा रोजा




हरिद्वार। माहे रमजान के रोजो को लेकर छोटे बच्चों में भी उत्साह भरा हुआ है। बच्चे लगातार अपने माता पिता से रोजा रखने की जिद पर अड़े रहते हैं। चिलचिलाती धूप तपिश वाली गर्मी रोजेदारों को परेशान कर रही है। लेकिन इन बातों को दरकिनार करते हुए ज्वालापुर निवासी 7 वर्षीय अदीबा ने अपना पहला रोजा रखते हुए रोजे की समय अवधि को पूरा किया। अदीबा लगातार रोजा रखने की जिद पर अड़ी रही। 7 वर्षीय अदीबा ने सोमवार का रोजा रखने के लिए रात्रि में सहरी खाकर अपना रोजा रखने की जिद को पूरा करते हुए रोजा रख लिया। लेकिन चिलचिलाती धूप व गर्मी के चलते कई बार परिवारजनों ने अदीबा को रोजा खोलने की बात कही लेकिन अदीबा ने अपना रोजा नहीं खोला और रोजे का पूरा समय पूरा करते हुए रोजा रखा। पूरा परिवारजन नन्हीं बालिका के इस प्रयास से अचम्भित है। आस पास के मौहल्लेवासियों में भी अदीबा के रोजा रखने की चर्चा बनी रही। क्योंकि मई माह में गर्मी के रोजे उम्र दराजों के लिए भी परेशानियां खड़ी कर देते हैं। क्योंकि रोजे की समयावधि काफी लम्बी होने के कारण रोजेदारों को अनेकों मुश्किलें पेश आती है। लेकिन नेक खुदा के बंदे अपने खुदा की रजा के लिए हर मुश्किलों को झेलते हुए पाबन्दी से रोजा रखते हैं। रोजे की हालत में ज्यादा से ज्यादा नमाज कलाम पाक की तिलावत रोजेदार लगातार करता हैं। नन्हीं बालिका अदीबा के रोजे रखने से अन्य बच्चों मंे भी एक सकारात्मक संदेश पहुंचा। अपने दिल व दिमाग पर कन्ट्रोल करते हुए नन्हीं बालिका ने भी रोजे के पूरे समय को पूरा किया। जबकि माता पिता द्वारा कई बार अदीबा को रोजा तोड़ने की सलाह दी गई लेकिन अदीबा ने अपना रोजा नहीं तोड़ा। अदीबा का पहला रोजा 7 वर्ष की कम उम्र में रखने से यह पता चलता है कि बच्चे भी रोजे की तरफ आर्कषित होते हैं। अपने खुदा की रजा के लिए बच्चे भी इबादत से पीछे नहीं हटते हैं। ज्वालापुर उपनगरी में छोटे बच्चों द्वारा रोजा रखने की खबरें लगातार आती रहती है।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *