किसान आंदोलन में कूदे हरिद्वार के अधिवक्ता, राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित कर उठाई ये मांग




जोगेंद्र मावी
दिल्ली के साथ पूरे देश में चल रहे किसान आंदोलन में हरिद्वार के अधिवक्ता भी कूद गए हैं। उन्होंने जिलाधिकारी सी रविशंकर के माध्यम से राष्ट्रपति को ज्ञापन प्रेषित करते हुए किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग की। उन्होंने किसानों के आंदोलन के दौरान किसानों की मौत को दुखद बताया।
शुक्रवार को हरिद्वार के अधिवक्ता कलेक्ट्रेट में एक़ित्रत हुए। उन्होंने एडीएम केके मिश्रा को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। नेतृत्व कर रहे युवा अधिवक्ता वरूण बालियान ने कहा कि दिल्ली में किसान आंदोलन को चलते हुए 75 दिन हो गए हैं। उनकी एक सूत्री मांग है कि किसान अहित में केंद्र सरकार के कृषि कानूनों को समाप्त किया जाए। इस आंदोलन में 200 से अधिक किसानों की मृत्यु हो चुकी हैं, यदि आंदोलन चलता रहा तो मौतों का सिलसिला जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि किसान आंदोलन के लंबे चलने से देश की छवि विश्व पटल पर खराब हो रही है। ऐसे में जिम्मेदार नागरिक होने के नाते अधिवक्ता किसानों के हित के प्रति चिंतित है। उन्होंने राष्ट्रपति से गुहार लगाई कि किसान हित में कृषि कानून रद्द किए जाए। अधिवक्ता वरूण बालियान ने कहा कि यदि जल्द ही किसानों के हित में निर्णय नहीं लिया गया तो वे भी आंदोलन में शामिल होने को मजबूर होंगे। जिला पंचायत सदस्य रोशनलाल ने कहा कि देश का अन्नदाता की बात सुनना केंद्र सरकार का धर्म है। इस मौके पर अविवक्ता निवेश चौधरी, कुलवंत सिंह चौहान, राव फरमान, सौरभ चौहान, अर्जुन, सुनिल कुमार, प्रमोद कुमार, राजीव तोमर, लोकेश कुमार, दुष्यंत कुमार, राव शाहबाज, सागर कुमार आदि शामिल हुए।

कलेक्ट्रेट में राष्ट्रपति के नाम एडीएम केके मिश्रा को ज्ञापन सौंपते हुए हरिद्वार के अधिवक्ता


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