प्रशिक्षण से पशु टीकाकरण कार्यक्रम के परिणाम होंगे और अधिक लाभकारी: कुलपति




  • दूधारू पशुओं में बढ़ रही बीमारियों की रोकथाम के लिए वैज्ञानिकों ने किया जागरूक

नवीन चौहान.
दुधारू पशुओं में खुरपका एवं मुंहपका बीमारी के बारे में ग्रामीणों को जागरूक बनाने के उद्देश्य से सरदार वल्लभभाई पटक कृषि एवं प्रोद्योगिक विश्वविद्यालय स्थित खुरपका मुंहपका केन्द्र निरंतर जागरूकता कार्यक्रम कर इनके आसान उपचार की विधियों के बारे में जानकारी प्रदान कर रहा है।

इसी क्रम में विगत दिवस पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों जैसे कि मेरठ, मुज़फ्फरनगर, सहारनपुर इत्यादि के पशु वेक्सिनेटरों का एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। पेशेवर पशु स्वास्थ्य चिकित्सकों एवं कार्मिकों की सीमित संख्या के कारण सरकार द्वारा, गैर-औपचारिक प्रशिक्षण वाले लोगों को टीकाकरण जैसी पशु स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के लिए उपयोग में लाया जा रहा है।

इन महत्वपूर्ण पशु स्वास्थ्य एवं रोग नियन्त्रण कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण देकर और भी कुशल बनाने के उद्देश्य से भारत सरकार के अनुसूचित जाति प्लान के अन्तर्गत इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का कार्यक्रम का शुभारंभ कृषि विवि के कुलपति डा आर के मित्तल की अध्यक्षता में किया गया।

इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण पशु स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली सुनिश्चित करने के लिए मजबूत निगरानी और कुशल प्रशिक्षण प्रदान किया जाना अत्यन्त आवश्यक है। अन्य देशों में किये गए अध्ययन में पाया गया कि यदि इन मानव संसाधन को और बेहतर तरीके से प्रशिक्षित किया जाए तो पशु टीकाकरण कार्यक्रम के परिणाम अधिक लाभकारी हो सकते हैं।

कहा कि वर्तमान में केन्द्र सरकार के राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अन्तर्गत पशुओं में खुरपका एवं मुंहपका रोग नियंत्रण के लिए वर्ष में दो बार प्रत्येक दुधारू पशु को नि:शुल्क टीका क्षेत्रीय पशुचिकित्सक की निगरानी में इन्ही पशु वेक्सिनेटरों द्वारा लगाया जाता है।

कार्यक्रम के विशिष्ठ अतिथि पशुपालन विभाग के अपर निदेशक डा० ब्रजवीर सिंह ने कहा कि पशुपालन शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों मे पशु पालकों को आजीविका का साधन उपलब्ध कराता है। पशुपालन को अधिक लाभप्रद बनाने एवं ग्रामीण क्षेत्रो मे पशु रोगों के नियन्त्रण एवं रोकथाम में यह प्रशिक्षण मील का पत्थर साबित होगा। विवि के शोध निदेशक डा. त्रिवेणी प्रसाद ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा किसानों / पशु पालकों के हित में इफको प्रायोजित एम्बुलेंस सेवा भी चलाई जा रही है जो सूदूर ग्रामीण क्षेत्र में आधुनिक चिकित्सा को पशुपालकों के द्वार तक पहुंचाने में कारगर सिद्ध हो रही है।

कार्यक्रम के निदेशक डा अमित कुमार ने बताया कि इस कार्यक्रम में पशुओं कि विभिन्न बीमारियों के टीकाकरण, उनको लगाने की विधि और सावधानियों, पशुओं से मनुष्यों में फैलने वाले रोग और रोग नियंत्रण के उपायों के बारे में पशु वेक्सिनेटरों को उपयोगी जानकारियां प्रदान की गई। इस दौरान वेक्सिनेटरों ने अपनी जिज्ञासा को शांत करने के लिए पशु चिकित्सा वैज्ञानिकों ने विभिन्न प्रश्न भी पूछे।

इस कार्यक्रम के आयोजन में डा अमित वर्मा, डा. अरबिंद सिंह, सुरेन्द्र उपाध्याय आदि ने सक्रिय योगदान दिया। इस दौरान मंचासीन अतिथियों ने इस प्रकार के कार्यक्रमों की सराहना करते हुए इस संबंध में सतत् प्रशिक्षण पर बल दिया। धन्यवाद प्रस्ताव डा राजबीर सिंह ने दिया।



Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *