सुभारती यूनिवर्सिटी के छात्रों ने किया कृषि यूनिवर्सिटी का भ्रमण, सीखी महत्वपूर्ण जानकारी




मेरठ। स्वामी विवेकानन्द सुभारती ​विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं ने मोदीपुरम स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल कृषि एंव प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का शैक्षिक भ्रमण किया। इस दौरान सुभारती विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने प्रयोगात्मक और सैद्धांतिक जानकारी कृषि यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञों से प्राप्त की। कुलपति प्रोफेसर केके सिंह के मार्गदर्शन में यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों ने छात्र-छात्राओं को विश्वविद्यालय का भ्रमण कराया गया।

मत्स्य प्रदर्शन एवं शोध इकाई पर प्रभारी मत्स्य डॉ डीवी सिंह ने मत्स्य प्रजनन, संग्रथित मत्स्य पालन एवं बीज उत्पादन पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने छात्राओं को संग्रथित मत्स्य पालन में पाली जाने वाली तीन देशी प्रजातियों रोहु, कतला और मृगल तथा तीन विदेशी प्रजातियों सिल्वर कार्प, कॉमन कार्प तथा ग्रास कार्प की पहचान के लक्षण के बारे में विस्तार से जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि उपरोक्त छह प्रजातियां एक ही तालाब में 10 हजार फिंगरलिंग का संचय कर मत्स्य पालन करने से अधिक लाभ प्राप्त किया जा सकता है। डॉ डीवी सिंह ने कार्प प्रजाति के मछलियों के मत्स्य बीज उत्पादन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एक किग्रा की एक मछली लभगभ 2 से तीन लाख अण्डे दे सकती है। इस प्रकार बीज उत्पादन का कार्य भी लाभकारी हो सकता है।

डॉ गजे सिंह विभागाध्यक्ष कीट विज्ञान विभाग ने मधु मक्खी पालन के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने मधु मक्खी की प्रमुख प्रजाति के बारे में बताते हुए कहा कि एपिस मेलीफेरा प्रजाति मधु मक्खी पालन के लिए सबसे उत्तम प्रजाति है।

डॉ सुरेश चन्द्रा प्रध्यापक एग्रीकल्चर इंजीनिययरिंग कटाई उपरान्त प्रौद्योगिक एवं खाद्य प्रसंस्करण महाविद्यालय ने छात्राओं को कृषि प्रसंस्करण केंद्र एवं समस्त प्रयोगशालाओं का भ्रमण कराकर विस्तार से जानकारी दी।

यह शैक्षिक भ्रमण डॉ निशा राना, सहायक प्रध्यापक जन्तु विज्ञान, रिसर्च एवं डवलपमेंट सेल तथा स्वाती शर्मा सहायक प्रा0 गृह विज्ञान फूड एवं न्यूट्रिशन स्वामी विवेकानन्द सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ के नेतृत्व में लाया गया।

इस भ्रमण में सुभारती विश्वविद्यालय मेरठ के स्नातक गृह विज्ञान, परास्नातक फूड एवं न्यूट्रिशन, डॉक्टर आफ फिलॉसफी, प्राणी शास्त्र और जैव प्रौद्योगिकी के छात्र-छात्राएं शामिल रहे। इस अवसर पर डॉ विवेक अधिष्ठाता कृषि, डॉ गजे सिंह विभागाध्यक्ष कीट विज्ञान विभाग आदि मौजूद रहे।



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